खुले आसमान के नीचे बच्चे कर रहे विद्यार्जन

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बागेश्वर : राजकीय प्राथमिक विद्यालय चुनली के भवन जर्जर हालत में हैं। बच्चे खुले आसमान के नीचे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अभिभावकों में आक्रोश है। उन्होंने मुख्यमंत्री से शिकायत करने का निर्णय लिया है।

कपकोट के सुदूरवर्ती गांवों की शिक्षा व्यवस्था की कलई प्राथमिक विद्यालय चनुली खोल रहा है। 1984 में विद्यालय की स्थापना हुई। 1985 में भवन का निर्माण हुआ। तब 17 छात्र-छात्राएं यहां पढ़ने लगी। दो शिक्षकों की तैनाती हुई। वहीं धीरे-धीरे विद्यालय की दशा खराब होने लगी। 37 वर्ष बाद स्कूल भवन जर्जर हालत में पहुंच गए। जिस पर शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों ने भी ध्यान नहीं दिया। अब छत से बल्लियों और तख्तों के टुकड़े गिर रहे हैं। भवन के भीतर घास जम गई है। बच्चे खुले आसमान के नीचे विद्यार्जन कर रहे हैं। वर्तमान में पांच बच्चे यहां पढ़ रहे हैं और एक शिक्षक की तैनाती की गई है। अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय भवन मरम्मत के लिए 18 लाख रुपये की मांग की गई थी। जिसमें जिला योजना से पांच लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत हुई। आरइएस को पांच लाख रुपये आवंटित भी हो गए। लेकिन भवनों का निर्माण इतने कम पैसे में नहीं हो सकता है। जिस कारण वह विरोध में उतारू हैं। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों के साथ खिलवाड़ हो रहा है। विद्यालय में पांच बच्चे हैं और भवन होने पर वह बढ़ सकते हैं। क्षेत्र की स्थिति

चनुली गांव में लगभग 25 परिवार रहते हैं। जिसमें 76 महिला और 73 पुरुष शामिल हैं। यह गांव लाथी ग्राम पंचायत के अधीन है। हिमालय की तलहटी में बसे गांव होने के कारण यहां पल-पल मौसम बदलता है। बारिश और हिमपात रहता है। जिला योजना के तहत पांच लाख रुपये भवन की मरम्मत के लिए स्वीकृत किए गए हैं। लेकिन गांव के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने 18 लाख रुपये का प्रस्ताव दिया था। पांच बच्चों में 18 लाख रुपये जिला योजना से स्वीकृत नहीं हो सकते हैं।फिलहाल एक कमरा पांच लाख में बन सकता है।– पदमेंद्र सकलानी, जिला शिक्षाधिकारी, बेसिक

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