घंटों लाइन में खड़ा रहने के बाद भी नहीं मिल रहा पानी, आपदा में लाइनों के क्षतिग्रस्त होने से संकट बरकरार

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लोहाघाट (चम्पावत) : पिछले दिनों आई आपदा के कारण क्षतिग्रस्त पेयजल लाइनों की मरम्मत न होने से लोगों को प्राकृतिक जल स्रोतों या फिर हैंडपंपों का सहारा लेना पड़ रहा है। घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद भी जरूरत के अनुरूप पानी नहीं मिल पा रहा है। नगर सहित ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट के कारण लोग परेशान हो चुके हैं।

नगर से लगे चांदमारी क्षेत्र में एक पखवाड़े से पेयजल व्यवस्था लडखड़ा गई है। लोग चांदमारी पर्यटक आवास गृह के समीप सड़क किनारे लगे सोलर हैंडपंप से पानी भर रहे हैं। सुबह से शाम तक हैंडपंप में पानी भरने वालों की भीड़ के कारण लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। लोगों का बताया कि उनके परिवार का एक व्यक्ति सुबह से शाम तक पानी के इंतजाम में जुटा रहता है। सामाजिक कार्यकर्ता शेखर तिवारी, त्रिभुवन मुरारी, निर्मल चंद्र बगौली, लक्ष्मी दत्त, प्रेम बल्लभ जोशी, दीपक जोशी, हेमा देवी, पार्वती देवी, नीमा देवी ने जल संस्थान से  पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की है। इधर नगर के विभिन्न वार्डो में भी पेयजल समस्या बनी हुई है। कहीं तीसरे दिन तो कीं चौथे  दिन बाद भी जरूरत भर का पानी नहीं मिल रहा है।

सुबह से ही प्राकृतिक जल स्रोतों पर लोगों की भारी भीड़ उमड़  रही है। इधर नगर से लगे सुई गांव में आपदा के बाद से ही पेयजल के लाले पड़ गए हैं। क्षेत्र में विभाग हर तीसरे दिन पेयजल की आपूर्ति करता था, लेकिन आपदा के बाद से चार दिन तक पानी की सप्लाई नहीं हो पाई। अब विभाग हर तीसरे दिन 30 से 40 मिनट तक ही आपूर्ति कर रहा है, जिससे लोगों को पीने भर के लिए भी पानी नहीं मिल पा रहा है। कैलाश चंद्र ओली, गिरीश ओली, धर्मानंद चतुर्वेदी आदि ने जल संस्थान से कम से कम एक घंटे तक पेयजल की आपूर्ति करने की मांग की है।

जल संस्थान के अपर सहायक अभियंता पवन बिष्ट ने बताया कि नगर सहित ग्रामीण इलाकों में जहां पेयजल संकट है वहां टैंकरों से पानी दिया जा रहा है। बीते दिनों आपदा के चलते कई पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई थी। कुछ लाइनों की मरम्मत का  कार्य चल रहा है। शीघ्र व्यवस्था ठीक कर ली जाएगी।

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