चंपावत: आज सुबह से ही जिले में मौसम स्थिर बना हुआ है। आसमान में घने बादल हैं और कोहरा छाया हुआ है। चंपावत-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग सुचारू है। 15 ग्रामीण सड़कें बंद हैं। सड़कों को खोलने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। वर्षा थमने से फिलहाल राहत मिली है, लेकिन जनजीवन पटरी पर नहीं लौटा है। पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में मौसम की स्थित एक समान बनी हुई है।
चंपावत जिले में पिछले 72 घंटों से रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला चलता रहा। कहीं मूसलधार वर्षा तो कहीं हल्की वर्षा हुई। रविवार की रात चंपावत-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को सुचारू कर दिया गया था। आपदा नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार तब से वाहनों की आवाजाही नियमित और सुचारू चल रही है।
सोमवार की सुबह तक 15 ग्रामीण सड़कें बंद हैं। सभी सड़कों को दोपहर तक खोल दिया जाएगा। दो दिन पूर्व हुई भारी वर्षा से क्षतिग्रस्त 35 पेयजल योजनाओं में से सात को ठीक कर दिया गया है। टनकपुर, बनबसा में शारदा और हुडडी नदी का जल स्तर सामान्य है। पूर्णागिरि मार्ग पर आवागमन सुचारू है।
शुक्रवार की रात धौन और स्वाला के बीच बड़ी मात्रा में मलबा आने के बाद रात्रि नौ बजे मार्ग बंद हो गया था। शनिवार सुबह तेज वर्षा के चलते स्वाला के पास सड़क का लगभग 20 मीटर हिस्सा बह गया था। जिसके बाद मुश्किल और बढ़ गई थी।
काफी मशक्कत के बाद रविवार को दोपहर एक बजे करीब स्वाला के पास पहाड़ी का कुछ हिस्सा काटकर नया रास्ता बनाकर आवाजाही सुचारू की गई। इससे पूर्व डीएम नरेद्र सिंह भंडारी ने स्वाला पहुंचकर मौका मुआयना किया। उन्होंने एनएच के अन्य हिस्सों पर आए मलबा हटाने के कार्य का भी निरीक्षण किया।
शनिवार को बंद हुई ग्रामीण सड़कें
चंपावत-मंच, तामली, सूखीढांग-डांडा मीनार, धूनाघाट-भिंगराड़ा, गौड़ी-किमतोली, लफड़ा-स्यूली-बुड़ाखेत, लड़ाबोरा-क्वारसिंग, उद्यूनढुंगा-खतेेड़ा, धौन-बड़ोली, स्याला-पोथ, चल्थी-नौलापानी, धौन-द्यूरी, सिप्टी-अमकडिय़ा, अमोड़ी-छतकोट, खटोली मल्ली, धौन-सल्ली, खटोली मल्ली-वैला।