बागेश्वर : बारिश नहीं होने और भीषण गर्मी पड़ने के कारण नदियां, गधेरे आदि सूखने लगे हैं। गोमती और सरयू नदी का जलस्तर लगातार कम हो रहा है। जिससे नगर से लेकर गांव तक पेयजल किल्लत शुरू हो गई है। लोग पानी के लिए प्राकृतिक स्रोतों का रुख कर रहे हैं। रात में भी पानी के लिए लोगों की सेनौला धारे पर कतार लग रही है। यदि समय रहते बारिश नहीं हुई तो पेयजल संकट बढ़ सकता है।
सरयू और गोमती का जलस्तर घटने लगा है। जंगलों में लगी आग भी इसका प्रमुख कारण हो सकता है। सरयू और गोमती नदियां जलस्रोतों का निर्भर हैं। जिसके कारण पेयजल संकट पैदा हो गया है। खरेही क्षेत्र में सबसे अधिक पानी की किल्लत बनी हुई है। सरयू नदी में बिलौनासेरा के समीप बनी पंपिंग योजना से पानी की आपूर्ति चार या पांच दिन बाद हो रही है। वहीं, कौसानी में भी पेयजल संकट बना हुआ है। जिससे पर्यटकों को भी परेशानी हो रही है।
जिले में पेयजल की स्थिति
जिले में 544 हैंडपंप हैं। जिसमें 16 खराब चल रहे हैं। अधिकतर हैंडपंप में पानी भी कम होने लगा है। सात पंपिंग योजनाओं में खरेही-बौड़ी, कौसानी, उड़खुली, बागेश्वर और कपकोट नगर के लिए बनी हैं। यह योजनाएं सरयू, गोमती और कोसी नदियों पर हैं। नदियों का जलस्तर घटने से पानी की आपूर्ति भी चरमरा गई है।
नदियों और जलश्रोंतों का कम हुआ पानी
जलसंस्थान के अधिशासी अभियंता चंदन सिंह देवड़ी ने बताया कि नदियों और जलस्रोतों में पानी की कमी हो रही है। जिले को पांच एमएलडी की जरूरत है। जिसके सापेक्ष 2.65 एमएलडी पानी की आपूर्ति हो रही है। खराब हैंडपंप दुरुस्त किए जा रहे हैं।