रुद्रपुर : लंबे समय से इंटरार्क कंपनी विवादों में चल रही है। कहीं कंपनी पर आरोप लग रहे हैं तो कहीं कंपनी संगठन पर आरोप लगा रही है। इन सब विवादों के बीच अब जाकर कंपनी ने प्रमाण के साथ घोषणा की है कि श्रमिकों को वेतन वृद्धि का लाभ दिया जा रहा है। इसके साथ ही जो भी श्रमिक वापस आना चाहते हैं, उनके लिए गेट खुला है। उन्होंने आंदोलन कर रहे श्रमिक संगठन पर भी आरोप लगाए हैं कि जो श्रमिक कंपनी में वापस आना चाहते हैं, आंदोलनकारी उन्हें बरगला रहे हैं।
कंपनी परिसर के बाहर धरना दे रहे कई श्रमिक
इंटरार्क बिल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड पंतनगर व किच्छा में मजदूर संगठन के बैनर तले विभिन्न मांगों को मनवाने के लिए कंपनी परिसर के बाहर धरनारत हैं। कारखाना प्रबंधन मनोज कुमार रोहिला ने इन विवादों के बाद अब जाकर अपना पक्ष और स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने बताया कि इंटरार्क मजदूर संगठन के पदाधिकारी एवं सदस्य पूर्वनिर्धारित योजना व कंपनी को आर्थिक क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से गलत प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।
आंदोलनकारियों को प्रबंधन ने दिया ये जवाब
रोहिला ने कहा कि मजदूर संगठन के पदाधिकारियों ने कई बार कहा कि विगत चार वर्षों से श्रमिकों की वेतन वृद्धि नहीं की गई है, जबकि यह आरोप निराधार है। श्रमिकों की वेतन वृद्धि वर्ष 2019, 2021 व 2022 में की गई है, जिसका लाभ करीब 400 श्रमिक ले रहे हैं।
गो स्लो की नीति अपना रहे आंदोलनकारी
प्रबंधन ने कहा कि संगठन के पदाधिकारी व सदस्यों ने अक्टूबर, 2021 से निरंतर गो स्लो की नीति को अपनाते हुए उत्पादन स्तर 15 एमटी से मार्च 2022 में तीन एमटी प्रति शिफ्ट तक ला दिया। इसके बाद तालाबंदी की गई थी, लेकिन श्रमिकों की समस्या को देखते हुए फिर से प्रबंधन ने छह जुलाई को तालाबंदी खोल दी। आरोप है कि यह बात यूनियन पदाधिकारियों के गले नहीं उतरी।
550 कर्मचारी अभी कार्यरत
प्रबंधन ने कहा कि कंपनी की साइट पर काम करने वाली एक मशीन पांच सितंबर को जब किच्छा प्लांट से साइट पर गई, तो यूनियन ने किच्छा एवं पंतनगर प्लांट में कार्य का बहिष्कार करते हुए कार्य पर जाने से श्रमिकों को रोक दिया और गैर-कानूनी हड़ताल को घोषणा कर दी। वर्तमान में दोनों प्लांट में 550 कर्मचारी कार्य पर आ रहे हैं और कई कार्य पर आने के इच्छुक हैं। लेकिन मारपीट के भय से आ नहीं पा रहे हैं।