राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सहयोग मिलते ही देश की ताकत दोगुनी हो जाती है-योगी आदित्यनाथ

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  • मोहन भागवत ने कहा कि केवल भारत मता की जय बोलने से जय नहीं होगा। उसके लिए आचरण करना होगा
  • योग गुरु रामदेव कहा सवा सौ करोड़ लोग पुरुषार्थ करेंगे तो जीडीपी भी बढ़ेगी
  • योगी ने कहा जब तक धर्माचार्यों का सहयोग है, संघ के स्वयंसेवकों का सहयोग है, भारत का कोई बाल भी बांका नही कर सकता

वृंदावन (संवाददाता) :  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की मूल पहचान भारत का आध्यात्म है। देश के सबसे बड़े संगठन के रूप में जब आरएसएस का सहयोग मिलता है तो भारत की शक्ति दोगुनी हो जाती है। हमारे खिलाफ प्रचार तंत्र लगा है, लेकिन जब तक धर्माचार्यो का सहयोग है, संघ के स्वयंसेवकों का सहयोग है भारत का कोई बाल भी बांका नही कर सकता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज यहाँ वृंदावन में संत विजय कौशल महाराज के आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में शरीक होने आए थे। इस दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि केवल भारत मता की जय बोलने से जय नहीं होगा। उसके लिए आचरण करना होगा। उन्होंने कहा कि अब भारत पहले से भी अधिक सशक्त होकर उभरेगा।

वृंदावन में संत विजय कौशल महाराज के आश्रम निकुंज वन में आयोजित कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और योग गुरु रामदेव शरीक होने को पहुंचे थे। यहां सबसे पहले रामदेव ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मोदी जी जो नीतियां बना रहे हैं, उसके साथ सवा सौ करोड़ लोगों का साथ हो तो मोदी के सपनों का भारत बनेगा। राम, कृष्ण, ऋषियों का देश बनेगा। सवा सौ करोड़ लोग पुरुषार्थ करेंगे तो जीडीपी भी बढ़ेगी। जब तक मैं अपने राष्ट्र धर्म, स्वधर्म में जुटा हूं तब तक कोई दुनियां में हमें गिरा नही सकता और मैं गिर गया तो कोई उठा नही सकता। राम का देश बनाना है तो राम जैसा आचरण करना चाहिए।

रामदेव बोले योगी ने छुट्टियों की छुट्टी करके साहस का काम क्या है। रोज छुट्टी होगी तो पुरुषार्थ कब करेंगे। अमेरिका में लाख दुर्गुण हों, लेकिन वहां के नागरिक पुरुषार्थ करते हैं। इसलिए उनके पास सब कुछ है। पूरे देश की स्वास्थ्य सेवाओं को वह डब्लूएचओ के माध्यम से नियंत्रित करता है। वह दुनिया की करेंसी की कीमत तय करता है। अमेरिका से आगे जाना है तो एक हजार लाख करोड़ जीडीपी करनी होगी। इसमें एक हजार करोड़ पतंजलि देगा। ऐसा पुरुषार्थ करो कि डब्लूएचओ का मुख्यालय भारत में हो।

इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम जो कुछ कहते, सोचते, बोलते हैं, वो कभी समाप्त नही होता, बल्कि अपनी ध्वनि तरंगों के माध्यम से पूरे पर्यावरण को प्रभावित करता है। निकुंज वन के सुरम्य वातावरण ने हमें आह्लादित किया। संत विजय कौशल की कथाएं सुनते थे, कभी आने का अवसर नही मिला। आज सौभाग्य मिला है। भारत की मूल पहचान भारत का अध्यात्म है। तमाम झंझावात झेलकर भी भारत, भारत बना है तो उसके कारण हैं। मंदिर, धर्माचार्य और धर्म आचरण। जब तक ये चीजें रहेंगी भारत की राह में कोई बाधा नही आ सकती। देश के सबसे बड़े संगठन के रूप में जब आरएसएस का सहयोग मिलता है तो भारत की शक्ति दोगुनी हो जाती है। हमारे बारे में मिथ्या धारणाएं पैदा की जाती हैं । इस तरह के आयोजनों से उन्हें जवाब देना होगा।

हमारे खिलाफ प्रचार तंत्र लगा है, लेकिन जब तक धर्माचार्यों का सहयोग है, संघ के स्वयंसेवकों का सहयोग है, भारत का कोई बाल भी बांका नही कर सकता। हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था में कहीं न कही खोट है कि बच्चों को छुट्टी का कारण भी नही पता। वे किसी भी छुट्टी को संडे बताते हैं, यानी उन्हें छुट्टी क्यों है, इसके बारे में भी नही बताया गया। इसलिए छुट्टियां बंदकर उन तिथियों में महापुरुषों के बारे में बताने को कहा ताकि बच्चे अपने इतिहास से वाकिफ हों और स्वर्णिम भारत के निर्माण में सहयोगी बने। सीएम ने कहा कि वे आभारी हैं कि प्रदेश की जनता ने उनके इस छुट्टियां खत्म करने के निर्णय का स्वागत किया। केरल में मीडिया के सवाल के जवाब में कहा कि हिंदुत्व हमारे लिए मुद्दा नहीं, जीने की कला है।

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