नैनीताल : कुमाऊं मंडल विकास निगम के बैनर तले 15 अगस्त को यूरोप की सबसे ऊंची एलब्रुस चोटी फतह कर लौटी एवरेस्ट विजेता शीतल राज का लक्ष्य अब दुनिया के सात महाद्वीपों की सर्वाधिक ऊंची चोटियां फतह करना है। जबकि शीतल अगले माह में पिथौरागढ़ जिले के आदि कैलास की चिपुढांग 6220 मीटर ऊंची चोटी फतह करने के अभियान का नेतृत्व करेंगी। इसमें पिथौरागढ़ जिले के धारचूला, सीपू, गूंजी के अलावा महाराष्ट्र के पुणे, हिमाचल प्रदेश की 18 साल से अधिक आयु की 14 बेटियां शामिल होंगी। शीतल कुमाऊं हिमालय की अंजान चोटियों के अभियान पर भी निकलेंगी, ताकि कुमाऊं में पर्वतारोहण को बढ़ावा मिल सके और इससे रोजगार भी पैदा हो। इस अभियान को संभवत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी फ्लैग ऑफ कर सकते हैं।
गुरुवार शाम को कुमाऊं मंडल विकास निगम मुख्यालय में एवरेस्ट विजेता शीतल राज का स्वागत समारोह हुआ। फ्लैग इन समारोह में एमडी नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि निगम की ओर से साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही साहसिक गतिविधियों की प्रतिभाओं को तैयार करेगा। उन्होंने शीतल को राज्य के साथ ही निगम का गौरव बताते हुए कहा कि शीतल की सफलता पहाड़ की बेटियों को इस क्षेत्र के लिए प्रेरित करेगी। इस अवसर पर शीतल ने अभियान के अनुभव साझा किए। जीएम एपी वाजपेयी ने कहा कि निगम की ओर से साहसिक पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए गंभीर प्रयास शुरू किए गए हैं। इस अवसर पर साहसिक पर्यटन प्रभारी गिरधर सिंह मनराल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
पिथौरागढ़ के गरीब परिवार से है शीतल
एवरेस्ट विजेता और क्लाइम्बिंग बियॉन्ड द समिट्स यानी सीबीटीएस के संस्थापक योगेश गर्बियाल ने बताया की शीतल बहुत ही गरीब परिवार से आती हैं। उसके पिता पिथौरागढ़ में लोकल टैक्सी चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं। शीतल की पर्वतारोहण की क्षमता और प्रतिभा को देखकर विभिन्न संस्थाओं ने आगे आकर सहयोग किया और इसी साल शीतल को द हंस फाउंडेशन ने दुनिया की सबसे खतरनाक मानी जाने वाली चोटी अन्नपूर्णा के लिए स्पांसर किया था। अब शीताल का लक्ष्य दुनिया की 14 सबसे ऊंची आठ हजार मीटर ऊंचे पर्वत और दुनिया के सातों महाद्वीपों की ऊंची चोटियों पर देश का झंडा फहराना है।