अब युवाओं को डिग्री कॉलेज व यूनिवर्सिटी में एनसीसी को ऐच्छिक विषय का विकल्प मिलेगा

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नैनीताल। देश के विश्वविद्यालय व महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के पास एनसीसी को ऐच्छिक विषय के रूप में चुनने का विकल्प होगा। नई शिक्षा नीति-2020 के अनुसार चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के अंतर्गत आने वाले समय में सभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में पढ़ने वाले स्नातक स्तर के छात्र-छात्राओं को एनसीसी ऐच्छिक विषय के रूप में पढ़ने का अवसर प्राप्त होगा।

नैनीताल स्थित एनसीसी ग्रुप मुख्यालय के ग्रुप कमांडर, कमोडोर एसएस बल ने बताया कि एनसीसी विश्व का युवाओं का सबसे बड़ा यूनिफॉर्म संगठन है। इसमें वर्तमान में भारत के 14 लाख से अधिक कैडेट सम्मिलित हैं। राष्ट्रीय कैडेट कोर स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए स्वैच्छिक आधार पर एक त्रि-सेवा संगठन है, जिसमें सेना, नौसेना और वायु विंग शामिल हैं, जो देश के युवाओं को अनुशासित और देशभक्त नागरिक बनाता हैं।

उन्होंने कहा कि इस नई पहल से एनसीसी के ‘बी’ और ‘सी’ सर्टिफिकेट प्राप्त करने के साथ साथ ही अब उच्च शिक्षा में एकेडमिक क्रेडिट भी प्राप्त किए जा सकेंगे। साथ ही भारतीय सेना व अर्द्धसैनिक बलों की विभिन्न योजनाओं में भी विशेष लाभ प्राप्त किया जा सकेगा। एनसीसी को विषय के रूप में चुने जाने के लिए यूजीसी के दिशा निर्देशों के अनुसार छह सेमेस्टर और 24 क्रेडिट पॉइंट में विभाजित किया गया है।

कमोडोर बल ने बताया कि एनसीसी इलेक्टिव कोर्स सिद्धांत और व्यवहार पर आधारित होगा, इसमें सैन्य इतिहास पढ़ने के साथ-साथ विद्यार्थियों को सैन्य विषय, युद्ध कौशल, हथियार प्रशिक्षण, आपदा प्रबंधन, राष्ट्रीय सुरक्षा, राष्ट्रीय एकता और जागरूकता, नागरिक मामले, सामाजिक जागरूकता और सामुदायिक विकास ,स्वास्थ्य और स्वच्छता, पर्यावरण जागरूकता और संरक्षण आदि का ज्ञान प्राप्त होगा। इससे विद्यार्थियों में निर्णय कौशल व समस्याओं का प्रभावी समाधान भी प्राप्त हो सकेगा।

चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम

(सीबीसीएस) के अंतर्गत इलेक्टिव कोर्स एनसीसी के लिए गौरवशाली अध्याय को आगे बढ़ाएगा जिससे छात्रों को रोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका मिलेगी व राष्ट्रीय सुरक्षा को नए आयाम मिलेंगे और छात्रों का एनसीसी के प्रति रुझान बढ़ेगा। एनसीसी के सब लेफ्टीनेंट डॉ रितेश साह के अनुसार नई शिक्षा नीति से युवाओं में कौशल तरासने के भी अवसर मिलेंगे।

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