हल्द्वानी : गौला समेत अन्य नदियों के खुलने के साथ अवैध खनन और अवैध भंडारण के मामले भी सामने आने लगेंगे। इन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए शासन के निर्देश पर डीएम नैनीताल ने संयुक्त कमेटी का गठन किया है। जिसमें एसडीएम, आरटीओ, सीओ, एसडीओ फारेस्ट और खान विभाग के अफसर को भी शामिल किया है। पांच सदस्यीय कमेटी का काम होगा कि किसी भी हाल में खनन तस्कर सक्रिय न हो सकें। आदेश में साफ लिखा है कि इसके बावजूद अवैध खनन पर लगाम नहीं लगने पर समिति जिम्मेदार होगी। हर छापे और चेकिंग का पूरा ब्योरा जिला प्रशासन को देना होगा।
हल्द्वानी की गौला को सबसे ज्यादा राजस्व और रोजगार देने वाली चुगान नदी कहा जाता है। इसके अलावा नंधौर, कोसी, दाबका आदि नदियों से भी वन निगम के माध्यम से खनन करवाया जाता है। वहीं, जमरानी समेत अन्य जगहों पर निजी पट्टों से उपखनिज निकासी होती है। नदियों के अलावा पट्टों से अक्सर अवैध खनन की शिकायत रहती है। ओवरलोडिंग और रायल्टी चोरी के मामले ज्यादा होते हैं। जिस वजह से सरकार को भी राजस्व का काफी नुकसान होता है।
उपनिदेशक खनन राजपाल लेघा ने बताया कि डीएम धीराज सिंह गब्र्याल के निर्देश पर गठित अलग-अलग विभागों के अफसरों की संयुक्त समिति अवैध खनन और भंडारण से जुड़े सभी मामलों की निगरानी कर कार्रवाई करेगी। क्षेत्र के हिसाब से एसडीएम, सीओ और वन विभाग के एसडीओ की ड्यूटी लगती रहेगी। एसडीएम को अध्यक्ष और अन्य अधिकारियों को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है।
नदी में अभी दस प्रतिशत वाहन भी नहीं
गौला के 11 गेटों पर कुल 7500 वाहनों से निकासी होती है। इंदिरानगर, शांतिपुरी, राजपुरा और शीशमहल गेट को छोड़ अन्य को खनन के लिए खोल दिया गया है, मगर अभी दस प्रतिशत वाहन भी निकासी के लिए नदी में नहीं जा रहे हैं। रेंजर गौला आरपी जोशी ने बताया कि मंगलवार को सिर्फ 428 वाहनों ने उपखनिज ढोया। क्रशरों की तरफ से एडवांस रायल्टी जमा नहीं करने से आरबीएम अभी नहीं निकल रहा।
क्रशरों का भंडारण चेक करना आसान नहीं
पूर्व में डीएम रहे सविन बंसल के आदेश पर भी संयुक्त कमेटी ने अवैध भंडारण को लेकर लगातार छापेमारी की थी। कई क्रशरों पर स्टाक में गड़बड़ी मिली थी, लेकिन तब क्रशर संचालकों ने कार्रवाई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उनका कहना था कि खान विभाग का स्टाक मापने का तरीका गलत है। जिसके बाद प्रशासन को भी बैकफुट पर आना पड़ा।