आंगनबाड़ियां हुईं हाईटेक, वर्करों को मिले स्मार्ट फोन

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प्रतीकात्मक तस्वीर

हल्द्वानी ।  प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों को हाईटेक करने का काम शुरू हो गया है। सभी आंगनबाड़ी वर्करों को स्मार्ट फोन से लैस किया जा रहा है। नैनीताल जिले में वर्करों को स्मार्ट फोन दे दिए गए हैं।आंगनबाड़ी वर्कर अब कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के जरिये सभी तरह की सूचनाएं एकत्र कर उसका ऑनलाइन डाटा तैयार कर भेज सकेंगी। इस एप की मदद से किसी भी भाषा में सूचनाओं का आदान प्रदान किया जा सकेगा। एप को पूरे देश में एक साथ लांच किया गया है। 

आंगनबाड़ी वर्कर स्टॉक रजिस्टर को छोड़कर शेष सभी सूचनाएं अब एप के जरिए उपलब्ध कराएंगी। आंगनबाड़ी के ऑनलाइन होने से काम में पारदर्शिता आएगी और लोगों को सभी सूचनाएं ऑनलाइन मिल सकेंगी।

नैनीताल जिले में आंगनबाड़ी वर्करों को स्मार्ट फोन दिए गए हैं और एप का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस एप के जरिए आंगनबाड़ी का ऑनलाइन डाटा उपलब्ध हो सकेगा। यहां आंगनबाड़ी वर्करों को स्मार्ट फोन और एप से काम करने के तौर तरीकों का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है।

स्टॉक रजिस्टर छोड़ सभी सूचनाएं एप में होंगी अपलोड

आंगनबाड़ी वर्करों को स्टॉक, पुष्टाहार, सर्वे, जन्म-मृत्यु, उपस्थिति, गृह भ्रमण, धात्री महिला, गर्भवती महिला समेत 10 अलग-अलग रजिस्टरों में सूचनाएं एकत्रित कर उनका ब्योरा मुख्यालय तक उपलब्ध कराना होता है।

इस एप के जरिए अब स्टॉक रजिस्टर को छोड़कर सभी सूचनाएं एप में अपलोड करनी होंगी। रजिस्टरों का काम बंद हो जाएगा और सूचनाएं ऑनलाइन कहीं भी देखी जा सकेंगी। 

सात लाख आंगनबाड़ी केंद्रों में चल रहा काम

बाल विकास परियोजना अधिकारी (ग्रामीण) चंपा कोठारी ने बताया कि यह भारत सरकार की योजना है। एप को आठ मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राजस्थान के झुंझनू जिले से लांच किया गया था।

प्रधानमंत्री ने इस एप को लांच किया था। पहले चरण में देश के 28 राज्यों और नौ केंद्र शासित प्रदेशों के 315 जिलों की सात लाख आंगनबाड़ी वर्करों को एक साथ यह सुविधा दी जा रही है। इसके लिए केंद्र सरकार ने 9086 करोड़ रुपये की धनराशि दी है। 

प्रदेश में हिंदी भाषा में सभी सूचनाएं एकत्रित होंगी। अभी स्मार्ट फोन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जल्द ही एप से ही सभी विभागीय कार्य होने लगेंगे।
– डॉ. रेनू मर्तोलिया, बाल विकास परियोजना अधिकारी (शहर)

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