कोसी नदी में जान जोखिम में डालकर काम-धंधे के लिए आ-जा रहे हैं चुकुम के ग्रामीण

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रामनगर। नैनीताल जिले के रामनगर ब्‍लॉक से करीब 22 किमी दूर स्‍थ‍ित चुकुम गांव हर साल बाढ़ से त्रस्‍त होता है। बारिश का सीजन कोसी नदी के पार ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन जाता है। कोसी नदी का जलस्‍तर बढ़ने पर गांव का संपर्क देश दुनिया से कट जाता है। काम-धंधे पर आने जाने के लिए ग्रामीणों को नदी तैर कर पार करनी होती है। लोग जान जोखिम में डालकर गांव से बाहर निकलते हैं।

गांव से निकलने के लि‍ए नहीं है पुलि

रामनगर से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चुकूम गांव में करीब सौ ग्रामीण निवास करते हैं। यहां के अधिकांश लोगों की जीविका कृषि व नौकरी पर निर्भर रहती है। बीते शुक्रवार से कोसी नदी में बाढ़ की वजह से पुल के अभाव में ग्रामीण आवाजाही नहीं कर पा रहे हैं। चार दिन से पानी कम नहीं हुआ तो पांचवे दिन मंगलवार को काम धंधे पर जाना ग्रामीणों के लिए मजबूरी बन गया। गांव के कुछ युवाओं ने शरीर के कपड़े पॉलिथीन में डाल कोसी की लहरों के बीच जान हथेली पर रख नदी पार की। वापसी में भी तैरकर घर लौटने का सिलसिला चला।

पांच दिन से जलस्‍तर नहीं हुआ कम

गांव के पूर्व प्रधान जसीराम ने बताया कि पांचवे दिन भी नदी का जलस्तर कम नहीं हुआ। जिन ग्रामीणों को तैरना आता है, वह काम धंधे में जाने लगे हैं। जिन्हें तैरना नहीं आता है वह मजबूरन घरों में ही हैं और नदी का प्रवाह कम होने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा सरकार को विस्थापन या फिर पुल निर्माण की दिशा में सोचना चाहिए।

तीन महीने का एडवांस राशन भेजा

एसडीएम रामनगर विजयनाथ शुक्ल ने बताया कि बरसात को देखते हुए चुकुम गांव में तीन महीने का सरकारी राशन एडवांस में भेज दिया है। अभी तक गांव में किसी तरह की कोई दिक्कत सामने नहीं आई है। बरसात होने पर कुछ दिन पानी बढऩे पर आवाजाही की दिक्कत रहती है।

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