रामनगर : कार्बेट टाइगर रिजर्व के बाद अब बाहरी क्षेत्र में बाघों की गणना का कार्य अंतिम चरण में है। तराई पश्चिमी वन प्रभाग की तीन रेंज में बाघ गणना का काम पूरा हो चुका है। अप्रैल तक डिवीजन में बाघ गणना का कार्य पूरा हो जाएगा। गणना पूरी हो जाने के बाद कैमरे में आए तस्वीरों को भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून भेजा जाएगा।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा हर चार साल में बाघों की गणना कराई जाती है। टाइगर रिजर्व के बाहरी क्षेत्रों में भी यह गणना होनी है। तराई पश्चिमी वन प्रभाग डिवीजन में बाघों की गणना के लिए 54 ग्रीड बनाई गई है। इन ग्रीड में 108 कैमरे लगाए गए हैं। पहले चरण में बैलपड़ाव व बन्नाखेड़ा रेंज में बाघ गणना का कार्य पूरा हो गया। कैमरों में आया बाघों का डाटा वन विभाग ने सुरक्षित रख लिया।
24 मार्च से तीन और रेंज में बाघों की गणना के लिए कैमरे लगाए जाने हैं। इस संंबंध में वन कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। डीएफओ बीएस शाही के निर्देशन में बाघ गणना के लिए बैलपड़ाव रेंजर संतोष पंत को नोडल अधिकारी बनाया गया है। डीएफओ बीएस शाही ने बताया कि बाघ गणना का कार्य अपै्रल के तीसरे सप्ताह तक पूरा हो जाएगा। कैमरे में आए डाटा को भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून भेजा जाएगा। इसके बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा बाघों की गणना का रिजल्ट जारी किया जाएगा।