नैनीताल में 35 नई दुग्ध समितियां खोलकर प्रवासियों को स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा

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नैनीताल। कोरोना काल में शहर से गांव लौटे प्रवासी स्थानीय स्तर पर ही रोजगार तलाश कर रहे हैं। ऐसे में दुग्ध संघ की ओर से उन्हें डेयरी उत्पादन केंद्र से जोड़ने की योजना है। जिसके लिए कार्य शुरू कर दिया गया है।

महाराष्ट्र व दिल्ली आदि शहरों में जिले के बहुसंख्यक लोग अपनी आजीविका कमा रहे थे। विभिन्न उद्योग व नौकरियों में लगे लोग कोरोना के चलते वापस लौटने को मजबूर हुए। कोरोना की पहली लहर के बाद महानगर वापस गए लोगों को दूसरी लहर में फिर से वापसी करनी पड़ी। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच अब परदेसी गांव में ही रोजगार की तलाश में लगे हुए हैं।

नैनीताल दुग्ध संघ, लालकुआं के अध्यक्ष मुकेश बोरा ने बताया कि प्रवासियों के लिए दुग्ध उत्पादन कार्य एक बेहतर अवसर साबित हो सकता है। डेयरी व पशुपालन विभाग के सहयोग से गाय व भैंस पालन के जरिये दुग्ध उत्पादन करके बेहतर आय की जा सकती है। इसी संभावना को देखते हुए नैनीताल दुग्ध संघ की ओर से जिले के विभिन्न क्षेत्रों में 35 नई दुग्ध समितियां खोलने की योजना है। जिसके लिए डेयरी विकास मंत्री रेखा आर्य ने भी वर्चुअल बैठक के दौरान निर्देश दिए हैं।

इन गांवों में बनेगी नई समिति

नैनीताल दुग्ध संघ की ओर से विभिन्न गांवों में नई समितियों की स्थापना की जानी है। नैनीताल दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा ने बताया कि देवीधुरा से लगे हुए ढोलीगांव, कैड़ागांव, सुनकोट, जोस्यूड़ा, बारीकटना आदि मुख्य हैं। रीठा साहिब से लगे अमजड, मिडार, सुआकोट, पोखरी, पदमपुरी, अधोड़ा, डुंगरी आदि सीमांत क्षेत्र शामिल हैं। चोरगलिया से लगे हरीशताल, गोनियारो, ल्वाडड़ोबा, चकडोबा आदि गांव हैं। इसके अतिरिक्त बेतालघाट के छूटे हुए क्षेत्रों में भी समितियां स्थापित की जानी हैं।

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