हल्द्वानी। तराई पूर्वी डिवीजन ने सरकार की झोली भरने के मामले में अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले साल डिवीजन ने 184 करोड़ का राजस्व जमा करवाया था। जबकि इस साल 36 करोड़ की बढ़ोतरी के साथ यह आंकड़ा 220 करोड़ पहुंच गया। तराइ्र्र पूर्वी डिवीजन जिस वेस्टर्न सर्किल का हिस्सा है उसमें कुल पांच वन प्रभाग आते हैं। सिर्फ तराइ्र्र पूर्वी की वजह से डिवीजन लगातार चौथे साल प्रदेश में पहले नंबर पर रही। गौला खुलने से पहले यानी नवंबर में ही उत्तरकाशी के डीएफओ संदीप कुमार को डिवीजन की जिम्मेदारी मिली थी। जिन्होंने सबसे संवेदनशील डिवीजन के दायित्व का बखूबी निभाया।
तराई पूर्वी डिवीजन के पास गौला व नंधौर जैसी खनन नदियों के अलावा लकड़ी कटान का काम भी है। क्षेत्रफल के लिहाज से भी यह डिवीजन सबसे बड़ी मानी जाती है। जंगल उत्तर प्रदेश से लेकर नेपाल तक की सीमा से सटा हुआ है। जिस वजह से सुरक्षा को लेकर भी स्टाफ को ज्यादा अलर्ट रहना पड़ता है। वहीं, डीएफओ संदीप कुमार ने बताया कि रेंज से लेकर ऑफिस स्टाफ की मेहनत से डिवीजन ने राजस्व के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ नया मुकाम हासिल किया है। पूरा प्रयास है कि अवैध खनन व कटान करने की घटनाओं पर अंकुश लगाया जाए।
इको फ्रेंडली तरीके से पाया अवार्ड
डीएफओ उत्तरकाशी की जिम्मेदारी संभालने के दौरान संदीप कुमार ने विश्व प्रसिद्ध दायरा बुग्याल के संरक्षण को इको फ्रेंडली तरीके से काम किया था। बुग्याल में हो रहे भू-कटाव को रोकने के साथ क्षतिग्रस्त बुग्याल की मरम्मत के लिए नारियल के रेशों से बने टाट, बांस के खंभे व पिरुल का इस्तेमाल कर पानी के बहाव की स्पीड को कम किया था। जिसका काफी सकारात्मक प्रभाव भी पड़ा। इस कार्य के लिए डीएफओ संदीप कुमार को तराई पूर्वी में ट्रांसफर होने के बाद मुख्यमंत्री सुशासन एवं उत्कृष्टता अवार्ड से सम्मानित किया गया था।