हाईकोर्ट ने कोरोना की जांच रिपोर्ट के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में लाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार को 25 अगस्त तक इस मामले में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कोरोना जांच रिपोर्ट के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव की ओर से बार कोड आवश्यक करने को लेकर आईसीएमआर को पत्र भेजा गया है।लेकिन आईसीएमआर की ओर से अभी तक इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया गया है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार से इस संबंध में 25 अगस्त तक कोर्ट को जवाब देने को कहा है। कुछ दिनों पहले राज्य की सीमाओं पर बाहर से आने वालों की चेकिंग के दौरान कोरोना की फर्जी जांच रिपोर्ट पकड़ में आई थीं।इस मामले में हाईकोर्ट ने अधिवक्ता आदित्य प्रताप सिंह की ओर से लिखे गए पत्र का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया।
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