हल्द्वानी : मध्य प्रदेश के बाद उत्तराखंड में भी हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई के लिए जोरशोर से तैयारी चल रही है। पाठ्यक्रम को तैयार करने की बारीकियां जानने के लिए राज्य का स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दल मध्य प्रदेश से लौट आया है। इसकी रिपोर्ट जल्द ही चिकित्सा शिक्षा निदेशालय को सौंप दी जाएगी।
हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत का भी दावा है कि उत्तराखंड हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई करने वाला दूसरा राज्य बनेगा। इसके बाद से चिकित्सा शिक्षा विभाग ने राज्य के चार मेडिकल कालेजों से चार वरिष्ठ प्रोफेसरों का दल अध्ययन के लिए मध्य प्रदेश भेजा दिया था।
यह दल 17 नवंबर से 19 नवंबर तक एमपी में रहा। दल के सदस्य वहां पर हिंदी में पाठ्यक्रम तैयार करने वाले विशेषज्ञों से लेकर तमाम अधिकारियों से मिले। लौटने के बाद अब रिपोर्ट तैयार करने में जुटे हैं। उम्मीद है कि ये विशेषज्ञ हिंदी में पाठ्यक्रम तैयार करने से संबंधित रिपोर्ट दो-तीन दिन में चिकित्सा शिक्षा निदेशालय को सौंप देंगे।
ये रहे विशेषज्ञ दल में शामिल
श्रीनगर मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. सीएमएस रावत, दून मेडिकल कालेज से प्रो. दौलत सिंह, हल्द्वानी मेडिकल कालेज से प्रो. हरिशंकर पांडे और अल्मोड़ा से प्रो. एके सिंह दल शामिल हैं।
विशेषज्ञों की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों के सामने पेश की जाएगी
प्रो. आशुतोष सयाना, निदेशक चिकित्सा शिक्षा ने बताया कि राज्य के मेडिकल कालेजों में हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसकी व्यावहारिकता से लेकर तमाम बिंदुओं पर अध्ययन किया जाना है। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम चयनित कर मध्य प्रदेश गई थी। विशेषज्ञों की रिपोर्ट मिलने के बाद उच्चाधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।