रामनगर। रेलवे विभाग द्वारा ग्रामीणों की सुविधा के लिए बनाया गया भूमिगत मार्ग अब उनके लिए सबसे बड़ी परेशानी का कारण बन गया है। बारिश के दौरान यह इस भूमिगत मार्ग में जलभराव होने की वजह से 12 गांव का संपर्क हाइवे से कट जाता है। रेलवे ने अंडरपास के नीचे जलभराव की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की है।
नेशनल हाइवे पीरूमदारा से करीब 12 राजस्व गांव के लोग पहले रेलवे पटरी पार करके आवाजाही करते थे। रेलवे विभाग ने ट्रेन से होने वाली दुर्घटनाओं के मद्देनजर आवाजाही के लिए जमीन के नीचे अंडर पास बनाकर ग्रामीणों को सुरक्षा की सौगात दी। लेकिन यह सौगात ग्रामीणों के लिए अब परेशानी बन गया है। तीन चार घंटे की बारिश में ही इस अंडरपास के नीचे चार पांच फुट तक पानी भर जाता है। ऐसे में इन गांव के हजारों लोग अपने बच्चों को पैदल, बाइक व कार से छोडऩे के लिए हाइवे तक नहीं आ पाते हैं।
अंडरपास की समस्या के समाधान के लिए संघर्ष कर रही गांव की पूर्व जिला पंचायत सदस्य लता देवी बताती है कि ग्रामीणों के विरोध के बाद ही अंडरपास के ठेकेदार पंप चलाकर पानी की निकासी वैकल्पिक तौर पर करता है। जलभराव की निकासी नहीं होने तक ग्रामीणों की आवाजाही बंद रहती है। लता देवी ने रेल मंत्री को भेजे पत्र में अंडरपास को खत्म करने व डीएम नैनीताल को भेजे पत्र में बिना जमीनी हकीकत परखे बनाए गए अंडरपास निर्माण की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की है।
इन गांव के लोगों का कट जाता है संपर्क
धर्मपुर ओलिया, आमपोखरा, धर्मपुर गुसाई, भवानीपुर खुल्बे, भगतपुर तडिय़ाल, उदयपुरी चौपड़ा, बसई देवीपुरा, नरसिंहपुर, रूपपुर, देवीपुरा बासीटीला, हाथीडंगर, मोतीपुर गांव।