नैनीताल। हाई कोर्ट ने हरिद्वार के ग्राम धनौरी भूपतवाला में विकास कार्यों धांधली के मामले पर सुनवाई की।
कोर्ट ने एसएसपी हरिद्वार को याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन में लगाये गए आरोपों का निस्तारण आठ सप्ताह के भीतर करने के निर्देश दिए है। कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया है।
यह है मामला
न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में योगेंद्र सैनी निवासी धनौरी भूपतवाला पिरान कलियर की याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें कहा गया है कि पूर्व ग्राम प्रधान सविता देवी ने 2013 से 2014 के बीच किए गए विकास कार्यों में सरकारी धन का दुरुपयोग कर गबन किया है। इसका खुलासा 2015 में आरटीआई मांगने पर हुआ।
बिल में किया खेल
ग्राम प्रधान ने जो पांच लाख सत्तर हजार के रेता,बजरी व सरिया के बिल लगाए है। वह एक पुराने कांट्रेक्टर एंड सप्लायर के लगाए है, जिसकी वैधता 2011 में समाप्त हो गयी थी। जिस मजदूर को उन्होंने मनरेगा में कार्य करते दिखाया गया। वहीं मजदूर उसी समय किसी अन्य कम्पनी में कार्य करते पाया गया।
पुलिस ने नहीं सुनी शिकायत
2018 में याचिकाकर्ता ने ग्राम प्रधान उसके पति व एक अन्य के खिलाफ पिरान कलियर थाने में शिकायत की परन्तु पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नही किया। पुलिस नर मुकदमा दर्ज नहीं करने पर उनके द्वारा आईपीसी की धारा 156(3) के अंतर्गत अपर मुख्य न्यायिक मजिस्टेट रुड़की के वहां प्राथर्ना पत्र दिया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पूर्व ग्राम प्रधान के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद जाँच पूरी नही की।
याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि ग्राम प्रधान का पति पुलिस में ऊंची पहुंच रखता है, जिसकी वजह से जांच पूरी नही हो पा रही है। इस केस में अभी तक दस बार जांच अधिकारी बदले जा चुके है परन्तु अभी तक जाँच पूरी नही हो पाई। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस मामले की शीघ्र जांच कराई जाए।