हल्द्वानी। हल्द्वानी में कोरोना से जंग लड़ रहे दो मरीजों को प्लाज्मा थैरेपी दी गई। दो सौ एमएल प्लाज्मा की डोज दोनों को देने के बाद डॉक्टर अब परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। फिलहाल दोनों मरीजों की हालत स्थिर है। एक मरीज का ब्लड प्रेशर थोड़ा मेनटेन हुआ है। एक मरीज को प्लाज्मा देने के लिए दो लोग आए मगर मानक पूरे न होने के कारण उनका प्लाज्मा नहीं लिया जा सका।
कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज प्लाज्मा थैरेपी से किया जाता है। एसटीएच में भी प्लाज्मा थैरेपी शुरू हो गई है। एसटीएच में भर्ती एक सब इंस्पेक्टर और एक अन्य मरीजों को दो-दो सौ एमएल प्लाज्मा की डोज दी गई थी। सब इंस्पेक्टर की पिछले एक सप्ताह के तबियत काफी खराब थी। उनकी हालत स्थिर है।
जबकि एक अन्य मरीज का ब्लड प्रेशर मेनटेन हुआ है। हालांकि डॉक्टर अभी प्लाज्मा थैरेपी के परिणाम को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
28 से 90 दिन के भीतर स्वस्थ हुए मरीज का लिया जा सकता है प्लाज्मा
डॉक्टर इतना ही कह रहे हैं कि ब्लड प्रेशर दवाओं से भी मेनटेन हो सकता है। अधिक निमोनिया होने पर अच्छी एंटीबायोटिक्स भी देनी पड़ती हैं।
प्लाज्मा थैरेपी देने के लिए जरूरी है कि दान देने वाले के शरीर में एंटीबाडी हो। राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा ने बताया कि प्लाज्मा थैरेपी शुरू की गई है। दो मरीजों को थैरेपी से इलाज किया गया है और डॉक्टर उसको मॉनिटर कर रहे हैं।
प्लाज्मा थैरेपी देने के लिए सख्त मानकों का पालन करना पड़ता है। कोरोना से जंग जीत चुके व्यक्ति का 28 से 90 दिन के भीतर ही प्लाज्मा लिया जा सकता है। खास बात यह है कि प्लाज्मा में एंटीबाडीज होनी चाहिए। प्लाज्मा सिर्फ पुरुषों का ही लिया जाएगा। उसका हीमोग्लोबिन भी अच्छा होना चाहिए। कोरोना से जंग जीतने के बाद पुरुषों में किसी तरह के लक्षण नहीं होने चाहिए।