हल्द्वानी : अगर आपकी बाइक, कार या अन्य गाड़ी की हाई सिक्याेेरिटी नंबर प्लेट टूटी है तो आपको पुलिस या आरटीओ की नजर से बचकर निकलना होगा। परिवहन विभाग ने जिस कंपनी से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट उपलब्ध कराने का अनुबंध किया था, वह दिसंबर 2021 में ही खत्म हो चुका है। शासन स्तर से फिलहाल दोबारा करार नहीं हो सका है। ऐसे में आरटीओ दफ्तर आने वाले लोगों को मायूसी का सामना करना पड़ रहा है। बिंदुखत्ता निवासी एक युवक की दिक्कत यह है कि यूपी के बागवत में उसकी बाइक अब रिश्तेदार चला रहे हैं। गाड़ी की नंबर प्लेट टूट गई। हल्द्वानी में नंबर प्लेट मिल नहीं रही। उप्र में पुलिस गाड़ी छोडऩे को तैयार नहीं है। एक बार चालान भी कटा। रिश्तेदारों ने गाड़ी घर पर ही खड़ी कर दी।
वाहनों में अब हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगती है। दस साल पहले यह नियम आया था। पुरानी प्लेट के टूटने पर आरटीओ दफ्तर जाकर आवेदन करना पड़ता था। कुछ समय बाद प्लेट आने पर गाड़ी में लगा दी जाती बनकर आ जाती थी। आरटीओ में कर्मचारी ही इसे लगा देते थे। परिवहन विभाग के मुताबिक शासन ने लिंक उत्सव नाम की कंपनी के साथ प्लेट बनाने का अनुबंध किया था। मगर अनुबंध पिछले साल दिसंबर में खत्म हो गया। नया करार नहीं होने के कारण वाहनस्वामी परेशान हैं। फिलहाल आचार संहिता की वजह से अनुबंध का समय बढ़ाने या नई कंपनी तलाशना भी मुश्किल हो रहा है।
इसलिए हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट जरूरी
हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट एल्युमीनियम की बनी होती है। इसमें एक क्रोमियर आधारित होलोग्राम लगा होता है। जिसमें वाहन मालिक से लेकर पूरी गाड़ी का विवरण होता है। जिसकी सहायत से वाहन को ट्रैक भी किया जा सकता है। नंबर प्लेट से छेड़छाड़ की संभावना कम रहती है। इसलिए केंद्र सरकार के निर्देश पर साल 2012 में इन नंबर प्लेट को अनिवार्य किया गया था।
शोरूम संचालकों का कंपनी से अनुबंध
परिवहन विभाग के मुताबिक शोरूम से खरीदी जा रही गाडिय़ों में नंबर प्लेट को लेकर दिक्कत नहीं आ रही। कंपनी संग शोरूम संचालकों का अनुबंध है। आर्डर के हिसाब से उपलब्ध करवा दिया जाता है। जिसके बाद मालिक वाहन में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवा लेते हैं। परेशानी पुरानी गाडिय़ों में ही आ रही है। आरटीओ संदीप सैनी ने बताया कि कंपनी संग अनुबंध खत्म होने के कारण परिवहन विभाग से हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट नहीं लग पा रही। शासन स्तर से ही इस पर कोई फैसला होगा। बड़ी संख्या में लोगों ने पहले समय से पुरानी गाडिय़ों में प्लेट नहीं लगाई। इस वजह से उन्हें दिक्कत आ रही होगी।