हल्द्वानी। कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने हर किसी की जान आफत में डाल दी है। इस महामारी में जान गंवाने वालों की संख्या भी कम नहीं है। कुमाऊं के ही छह जिलों में सबसे अधिक मौतें नैनीताल जिले में हुई। सुखद यह है कि चम्पावत में सबसे कम मौते हुई।
प्रदेश भर में 15 मार्च 2020 से लेकर 31 मार्च तक 1717 लोग कोरोना की जंग हार गए थे। वहीं एक अप्रैल 2021 से 17 मई 2021 तक कोरोना की दूसरी लहर सबसे अधिक जानलेवा साबित हुई। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान पूरे प्रदेश में 5034 लोगों ने जान गंवाई। इसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं। युवाओं की संख्या भी अच्छी खासी रही।
कुमाऊं में ही नैनीताल जिला सबसे टॉप पर रहा है। जहां कई बार एक ही दिन में 15 से 20 लोगों ने दम तोड़ दिया था। जहां दूसरी लहर में पर्वतीय जिलों में चम्पावत में सबसे कम मौतें हुई, लेकिन पिछली बार से कई गुना अधिक हैं। अल्मोड़ा में भी पिछले साल की अपेक्षा दोगुनी मौतें हुई। हालांकि राहत की बात यह है कि पिथौरागढ़ में पिछले वर्ष की अपेक्षा कम लोगों ने जान गंवाई।
कुमाऊं में इलाज की सबसे अधिक सुविधा हल्द्वानी
कुमाऊं के छह जिलों में देखा जाए तो इलाज की सबसे अधिक सुविधा हल्द्वानी में है। यहां पर कुमाऊं भर के मरीजों को रेफर किया जाता है। डा. सुशीला तिवारी कोविड अस्पताल के अलावा 13 निजी चिकित्सालयों में कोविड मरीजों का इलाज हो रहा है। जहां सुशीला तिवारी में 500 और निजी अस्पतालों में 500 से अधिक बेड हैं।
यह है स्थिति
जिला 15 मार्च, 20 से 31 मार्च 21 तक एक अप्रैल से 17 मई तक
नैनीताल 238 510
ऊधमसिंह नगर 118 376
अल्मोड़ा 26 77
पिथौरागढ़ 48 37
बागेश्वर 17 26
चम्पावत 09 21