पौड़ी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब कोरोना महामारी पैस पसार रही है। स्वास्थ्य विभाग ने गांवों में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए तैयारियां पूरी की हैं, लेकिन विभागीय स्वास्थ्य टीमों को जांच को लेकर खासी परेशानियां भी उठानी पड़ रही हैं। जिले में कई विकास खंडों के गांवों में ग्रामीणों के बीमार होने की सूचना मिल रही है, लेकिन ग्रामीण जागरुकता के अभाव व कोरोना की डर से जांच कराने से बच रहे हैं।
जनपद पौड़ी के 15 विकास खंडों में 1174 ग्राम पंचायतें हैं। जिनमें अब धीरे-धीरे कोविड आने शुरू हो गए हैं। जनपद में अभी तक 11 हजार 210 कोरोना संक्रमित लोग पाए गए हैं। इनमें वर्तमान में 3 हजार 890 एक्टिव केस हैं। जनपद पौड़ी के स्वास्थ्य विभाग ने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड जांच के लिए प्रत्येक ब्लाक मुख्यालय में 15 बीआरटी टीमें बनाई हैं। जो गांवों में लोगों की कोविड जांच के लिए हर समय तैयार रहती हैं। वहीं समस्त 15 विकास खंडों में दो-दो मोबाइल टीमें भी गठित की गई हैं। जनपद के कई विकास खंडों में ग्रामीणों के बीमार होने की सूचना मिल रही है, लेकिन ग्रामीण जांच के लिए सामने नहीं आ रहे हैं।
ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की टीम को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। विगत दिनों जयहरीखाल के बंदूण गांव में लोगों के बीमार होने की सूचना मिली थी। जिनमें 32 ग्रामीण एक साथ कोरोना संक्रमित पाए गए थे। डा. पंकज ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम गांवों में जा रही है, लेकिन लोगों से कोविड जांच में सकारात्मक सहयोग नहीं मिल रहा है। जिससे कई बार आवश्यकता वाले मरीजो तक टीम के पहुचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। डीपीआरओ एमएम खान ने बताया कि पंचायत स्तर पर ग्रामीणों के बीमार होने की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर कोविड जांच की जा रही है। सीएमओ पौड़ी डा. मनोज शर्मा ने बताया कि विभाग ने ग्राम स्तर पर कोविड जांच के लिए बीआरटी व मोबाइल टीमें गठित की हैं। कहा कि टीम लगातार लोगों से संपर्क में रहकर सूचना मिलते ही कोविड जांच कर रही है।