कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में साइबर ठगी की घटनाओं में इजाफा हो गया है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार कुमाऊं में रोजाना 20 लोग साइबर ठगों का शिकार हो रहे हैं। ढाई महीनों में साइबर ठग 481 लोगों से एक करोड़ दो लाख रुपये की ठगी कर चुके हैं। पहली कोरोना लहर में कुमाऊं के 330 लोगों से 60 लाख रुपये की ठगी हुई थी। इंटरनेट के विभिन्न माध्यमों से ऑनलाइन खरीदारी हो रही है। लोग घर बैठे मनचाहा सामान कम समय पर मंगा सकते हैं। इंटरनेट में सही वेबसाइट की तर्ज पर ठगों ने हूबहू वेबसाइट बनाई हैं। अधिकांश लोग वेबसाइट की सही जानकारी नहीं होने पर गलत वेबसाइट में जाकर सामान मंगा देते हैं। सामान नहीं पहुंचने पर दोबारा कॉल करने पर रुपये की डिमांड या गोपनीय जानकारी ली जाती है।जानकारी साझा करते ही साइबर ठग बैंक खाते को हैक कर लाखों रुपये उड़ा लेते हैं। साइबर थाने या साइबर सेल में समय से सूचना पहुंचने पर लोग लुटने से बचते हैं। जबकि अधिकांश लोग पछताने के सिवाय कुछ नहीं कर पाते। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार मार्च से अब हुई साइबर ठगी की घटनाएं पिछले चार साल में सबसे अधिक हैं। कुमाऊं के ऊधमसिंह नगर, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत और नैनीताल के लोग सबसे अधिक ठगे जा रहे हैं।यूपीआई से ठगी: साइबर ठग यूपीआई से ठगी की रकम ट्रांसफर कराते हैं। जब तक पुलिस बैंक की मदद से ई अकाउंट की जानकारी एकत्र करती है। तब तक पैसा ठगों की जेब तक पहुंच जाता है। उसे रोकना या वापस लाना मुश्किल होता है।
शेयर मार्केट से अच्छा रिर्टन का लालच : साइबर ठग इन दिनों शेयर मार्केट से अच्छा रिर्टन दिलाने का लालच देकर भी लोगों को निशाना बना रहे हैं। हाल ही में देहरादून के एक युवक अज्ञात युवक ने कॉल कर शेयर मार्केट से अच्छा रिटर्न दिलाने का लालच दिया था। ठग के झांसे में आकर उन्हें छह लाख 90 हजार रुपये गंवाने पड़े थे।
वीडियो कॉलिंग से रहें दूर : साइबर ठग फेसबुक में युवतियों की आईडी बनाकर लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज रहे हैं। इसके बाद युवतियां मैसेज भेजकर अपनी सुंदर फोटो भेजती हैं। फोटो देकर मोहित होने पर युवक इनके जाल में फंस जाते हैं। वीडियो कॉल कर युवतियां वीडियो रिकॉर्ड कर लेती हैं। इसके बाद मनचाहे रुपये मांगकर ब्लैक मेल करती हैं और वीडियो वायरल करने की धमकी दी जाती हैं।
खरीदारी के लिए सही साइट का करें प्रयोग: इंटरनेट में खरीदारी के लिए फ्लिपकार्ट, अमेजन जैसी कंपनियां अधिक प्रचलित हैं। लोग इन साइटों में जाकर खरीदारी करते हैं जो ठगी का खतरा कम रहता है। लेकिन इन्हीं साइटों के नाम से गूगल में कई फर्जी अकाउंट बने हैं। जहां से खरीदारी करने से ठगी हो सकता है।