पिथौरागढ/ मुनस्यारी/ धारचूला : सीमांत में बारिश का दौर जारी है। कैलास मानसरोवर मार्ग पर मलगाड़ के पास विशाल चट्टान खिसक गई है। पहाड़ की तरफ से पत्थर गिर रहे हैं। लगभग एक किमी मार्ग क्षतिग्रस्त है। स्थानीय जनता और सुरक्षा बलों के जवान काली नदी किनारे पत्थरों पर चल कर आवाजाही कर रहे हैं। तवाघाट-दारमा मार्ग 66 वें दिन भी बंद है। गिरगांव के पास सड़क बहने से बंद थल -मुनस्यारी मार्ग छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है।
जौलजीबी-मुनस्यारी घिंघरानी के पास बंद है। चीन सीमा को जोडऩे वाला मुनस्यारी-मिलम मार्ग बंद है। मुनस्यारी के अंतिम और अति दुर्गम नामिक गांव को जोडऩे वाला पैदल मार्ग बह गया है। गांव अलग-थलग पड़ चुका है। चीन सीमा का धारचूला और मुनस्यारी तहसील मुख्यालयों से संपर्क भंग है। जिले में दस मोटर मार्ग बंद हैं। मार्ग बंद होने से वाहन फंसे हुए हैं। काली, गोरी, रामगंगा नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। मुनस्यारी के मालूपाती में चट्टान खिसक रही है। ग्रामीण दहशत में हैं। मुनस्यारी क्षेत्र मे शनिवार दिन में भी भारी बारिश हुई है। तहसील के विभिन्न क्षेत्रों में भारी भूस्खलन हुआ है। विगत 66 दिनों से बंद दारमा मार्ग खोलने के लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर दारमा गई केंद्रीय लोनिवि अभियंताओं सहित अन्य संबंधित विभागों की टीम वापस लौट चुकी है।
उक्त टीम धारचूला से उच्च हिमालय दारमा हेलीकॉप्टर से गई थी। वापसी पैदल हुई। टीम अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेंगी। दारमा से मिली सूचना के अनुसार नागलिंग से स्थानीय ठेकेदार आमोद नगन्याल नागलिंग से नीचे की तरफ अपनी जेसीबी मशीन से मार्ग खोल रहा है और वुर्थिग से नागलिंग की तरफ सीपीडब्ल्युडी मार्ग खोलने में जुटी है। एक सप्ताह के भीतर दारमा मार्ग के पैदल चलने और छोटे वाहनों चलने योग्य मार्ग खोलने का दावा किया है।
पूर्व में उच्च हिमालय में 22 किमी सड़क भी आमोद नगन्याल ने खोली थी। वहीं तवाघाट से आगे नागलिंग के बार बीआरओ द्वारा बनाई गई क्रेट वाल क्षतिग्रस्त हो चुकी है। मुनस्यारी के नामिक से मिली जानकारी के अनुसार नामिक में रामगंगा नदी पर पुल के पास भारी भूस्खलन होने से पैदल मार्ग बह गया है। सड़क मार्ग से 27 किमी की दूरी पर स्थित नामिक का संपर्क भंग हो चुका है। ग्रामीण गांव में ही कैद होकर रह गए हैं।