ग्रिफ के मजदूरों ने भारत-चीन सीमा सड़क पर सात घंटे लगाया जाम, जमकर की नारेबाजी

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सीमा सड़क संगठन (ग्रिफ) के मजदूरों ने काम से निकाले जाने के विरोध में भारत-चीन सीमा वाली सड़क पर बुधवार को सात घंटे तक जाम लगाया। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी होने तक वह आंदोलन जारी रखेंगे।

बुधवार को 120 मजदूर भारत-चीन सीमा सड़क पर ग्रिफ कार्यालय के सामने एकत्र हुए। उन्होंने गार्डर लगाकर सड़क बंद कर दी और ग्रिफ के खिलाफ नारेबाजी की। मजदूरों ने कहा कि ग्रिफ ने गत 11 जनवरी को उन्हें बेवजह काम से निकाल दिया है। इससे उनके सम्मुख रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।

ग्रिफ के अधिकारी काम से निकालने का कारण नहीं बता रहे हैं। मजदूरों के सुबह साढ़े सात बजे से दोपहर ढाई बजे तक सड़क पर जाम लगाने से पिथौरागढ़ से मुनस्यारी, मदकोट, बंगापानी और पिथौरागढ़ जाने वाले सौ से अधिक निजी और टैक्सी वाहनों में सवार दो हजार से अधिक यात्री घंटों फंसे रहे।

डेढ़ बजे के करीब धारचूला से प्रभारी तहसीलदार मनीषा बिष्ट ने मौके पर पहुंच कर मजदूरों को समझाया और ग्रिफ के अधिकारियों से वार्ता कर सभी मजदूरों को काम पर रखने की बात कही। सहमति के बाद जाम खोला गया। बता दें कि दिसंबर माह में भी 250 मजदूरों को मुनस्यारी-मिलम सड़क निर्माण के कार्य से हटा दिया गया था। तब भी मजदूरों ने इसका विरोध किया था। प्रदर्शन में धरम सिंह, गजेंद्र सिंह, नैन सिंह, प्रकाश सिंह, हर राम, गोपाल सिंह, पुष्कर सिंह आदि शामिल रहे।

वाहन जब्त होने के कारण निकाले मजदूर: ग्रिफ
मामले में कुछ लोगों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन ने नौ जनवरी को मदकोट में उपखनिज से भरा ग्रिफ का वाहन पकड़ा था। इसके बाद मजदूरों को निकाला गया। इन लोगों के अनुसार ग्रिफ के अधिकारियों का कहना है कि जब प्रशासन खनन सामग्री पकड़ेगा तो काम कैसे होगा।  काम नहीं होगा तो इतने मजदूरों को कैसे रखा जा सकता है। मामले में ग्रिफ के स्थानीय अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

 

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