तीन मुख्यमंत्रियों की घोषणाएं झाड़ियों में ओझल

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पिथौरागढ़। तीन मुख्यमंत्रियों की घोषणाओं के बाद भी कनालीछीना का डिग्री कॉलेज अस्तित्व में नहीं आ सका है। डिग्री कॉलेज के नाम पर भवन खंडहर में तब्दील हो गया है और इसके चारों ओर पेड़ और झाड़ियां उग आई हैं। ऐसे में विकासखंड के युवा खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

कनालीछीना में डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा वर्ष 2011 में भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने की थी। सरकार ने जीओ भी जारी कर दिया था। प्रथम चरण के कार्य के लिए 10 लाख रुपये भी स्वीकृत हुए और कुछ समय बाद निर्माण कार्य भी शुरू हो गया। पर बीच में ही सियासी कारणों से इसका कार्य रुकवा दिया गया। कनालीछीना में डिग्री कॉलेज के नाम पर बनाई गई बिल्डिंग खंडहर में तब्दील हो गई है। समय बीतने के साथ चारों और बड़े-बड़े पेड़ और झाड़ियां उग आईं। वर्तमान में यह भवन नशेड़ियों और लावारिस पशुओं का अड्डा बनकर रह गई है। 2012 में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस की सरकार बनी और दो साल बाद विजय बहुगुणा की जगह सीएम के पद पर हरीश रावत की ताजपोशी हुई। वर्ष 2016 में तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने फिर कनालीछीना में डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा की लेकिन अगले साल हुए विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद भाजपा ने सरकार बनाई। सत्ता परिर्वतन के बाद लोगों को उम्मीद थी कि भाजपा राज में की गई घोषणा भाजपा सरकार में पूरी होगी। पर यह उम्मीद भी चुनाव नजदीक आने के साथ टूटती जा रही है। कुछ दिन पहले पैतृक गांव हड़खोला भ्रमण पर आए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने फिर कनालीछीना में डिग्री कालेज खोलने की घोषणा की। लोगों का कहना है कि सरकार तो आती जाती रहेंगी लेकिन विकास कार्यों में सियासत नहीं होनी चाहिए। किसी भी सरकार ने घोषणा की तो आने वाली सरकारों को पिछली सरकार के कार्यों को पूरा करना चाहिए। नुकसान तो जनता के पैसे का होता है।

कनालीछीना में अधूरा पड़ा डिग्री कॉलेज का भवन राजनीति की भेंट चढ़ गया है। लोगों का कहना है कि अगर कनालीछीना में डिग्री कॉलेज खोलना ही नहीं था, क्यों भवन निर्माण में 10 लाख रुपये बर्बाद किए गए। आज अधूरा पड़ा भवन उच्च शिक्षा के लिए पलायन कर रहे युवाओं को चिढ़ा रहा है।
क्यों जरूरी है कनालीछीना में डिग्री कॉलेज
पिथौरागढ़। विकासखंड कनालीछीना के नेपाल सीमा से सटे पीपली, तल्लाबगड़, द्वौड़ा, द्वालीसेरा, छड़नदेव, मातोली और कंडारीछीना, सुरौण, सिरौली, पाली, डुंगरी, गुड़ौली, लमड़ा, मलान, बंदरलीमा सतगढ़ सहित मूनाकोट विकासखंड से लगे पलेटा, पनखोली के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए पलायन करना पड़ रहा है। पिथौरागढ़ कैंपस में सीट भरने के बाद कई युवाओं और युवतियों को प्रवेश नहीं मिल पाता है। मजबूरन युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए पलायन करना पड़ता है।
वर्ष 2011-12 में डिग्री कॉलेज के लिए 10 लाख भवन निर्माण कार्य शुरू किया गया। कई कार्य अधूरा है, ठेकेदार को निर्माण पूरा करने के लिए नोटिस जारी किया गया है।

-बालम सिंह बिष्ट, बीडीओ कनालीछीना।

डिग्री कॉलेज राजनीति की भेंट चढ़ गया। कॉलेज के लिए 2011 में सरकार से जीओ और बजट जारी कर दिया गया। कॉलेज को सत्ताधारी विधायक ने दूसरी जगह शिफ्ट करा दिया गया, जिसके चलते आज तक डिग्री कॉलेज नहीं बन पाया। कनालीछीना में डिग्री कॉलेज महत्वपूर्ण है। युवा उच्च शिक्षा के लिए पलायन कर रहे हैं। गरीब युवा और युवतियों का सुधलेवा नहीं है।

 

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