चीन सीमा से लगा धारचूला भी वायरस से नहीं बच सका है। समुद्रतल से तीन हजार फुट से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित धारचूला में कोराना सात लोगों की जिंदगी लील चुका है। अब बर्फीली पहाड़ियों से लगे इसे इलाके में लोग डर के साये में जीने के लिए मजबूर हैं।पिथौरागढ़ से 90 किलोमीटर दूर स्थित धारचूला के लोग अब अदृश्य दुश्मन (कोरोना वायरस) को हराने के लिए लड़ रहे हैं। कभी जंग की डर से दहशत में रात काटने वाले ग्रामीणों में अब कोरोना का डर ऐसा बैठ गया है कि लोग अब घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं।
बॉर्डर से लगे करीब 65 हजार की आबादी वाले गांव में कोरोना से 249 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि सात लोगों की मौत हो चुकी है। 56 लोग फिलहाल 17 दिन के होम आइसोलेशन में हैं और 180 लोग स्वस्थ हो गए हैं। सीएचसी के नोडल अधिकारी नोडल अधिकारी डॉ. फुरकान ने यह जानकारी दी है।चीन और तिब्बत की सीमा से लगे पिथौरागढ़ में भी कोराना ने कहर मचाया है। करीब छह लाख की आबादी वाले पिथौरागढ़ में 24 मई तक आठ हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो गए थे। 102 लोग वायरस से जान गंवाने के साथ 1515 लोग इस बीमारी से लड़ रहे हैं। पूरे जिले में एक लाख दस हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है। 1952 लोगों की रिपोर्ट आना बाकी है।
पिथौरागढ़ जिले में सवा लाख लोगों को लगी वैक्सीन
पिथौरागढ़ जिले में अब तक सवा लाख लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। 97196 लोगों पहली डोज का लाभ ले चुके हैं। वैक्सीन लगवाने में महिलाएं आगे हैं। करीब 49 हजार महिलाएं और 47 हजार पुरुष टीका लगवा चुके हैं। 45 से 60 आयुवर्ग में करीब 39 हजार लोगों को टीका लग चुका है।