धूप खिली तो सीमावर्ती मार्ग खुलने लगे, व्यास मार्ग में गुंजी तक वाहनों की आवाजाही

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धारचूला : भारी हिमपात से बंद सीमा मार्ग भी धीरे-धीरे खुलने लगे हैं। तवाघाट-गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग पर गुंजी तक वाहनों की आवाजाही होने लगी है। मार्ग सुधारीकरण के दौरान च्यलसीता के पास मलबा आने से यह मार्ग दो दिन से बंद है। उधर दारमा मार्ग अभी भी दर से आगे बंद है।

कुछ दिन पूर्व उच्च हिमालयी क्षेत्र में भारी हिमपात के चलते गर्बाधार-लिपुलेख तथा सोबला- दारमा मार्ग बंद रहे। इस बीच धूप खिलने से मार्ग पर जमी बर्फ हटाने का कार्य प्रारंभ हो चुका है। मार्ग से बर्फ हटाने के बाद गर्बाधार से लिपुलेख मार्ग गुंजी तक खोल दिया गया है और गुंजी तक वाहनों की आवाजाही होने लगी है। इस बीच मार्ग सुधारीकरण का कार्य भी जारी है। बीआरओ संचालित मार्ग पर सुधारीकरण कार्य के दौरान च्यलसीता के पास मलबा आने से गुरुवार से वाहनों का संचालन धारचूला से च्यलसीता तक ही हो रहा है। मलबा हटते ही गुंजी तक फिर से वाहन चलने लगेंगे।

उधर गुंजी से कुटी तक मार्ग परं भी चौड़ीकरण कार्य चल रहा है। इस मार्ग पर कई फीट बर्फ जमी है। इसके बाद भी बीआरओ मार्ग चौड़ीकरण के कार्य में जुटा है। इस समय नाबी के पास मार्ग चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। यह मार्ग कुटी होते हुए आदि कैलास क्षेत्र के ज्योलिगकोंग तक जाता है। इधर अब मौसम में हल्का बदलाव आने लगा है। मौसम साफ रहने पर मार्ग चौड़ीकरण कार्य भी गति पकड़ेगा। चीन सीमा को जोडऩेे वाला सोबला-दारमा मार्ग अभी भी दर से आगे बंद है। इस मार्ग पर कई फीट बर्फ जमी है। केंद्रीय लोनिवि संचालित इस मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य भी नहीं चला है। इधर तहसील क्षेत्र के बर्फबारी से बंद अन्य सभी मार्ग यातायात के लिए खुल चुके हैं।

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