पिथौरागढ़। नेपाल के कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख में जनगणना कराने के फैसले पर सीमांत के लोगों में नेपाल के प्रति भारी गुस्सा है। सीमांतवासियों ने कहा है कि भारतीय क्षेत्र में जनगणना नहीं होने दी जाएगी।
नेपाल प्रत्येक 10 वर्ष में अपने यहां जनगणना कराता है। इस बार जनगणना वर्ष 2021 में होने जा रही है। नेपाल पहले ही भारत के कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को अपने नक्शे में दर्ज करा चुका है। अब अगले साल मई में इन क्षेत्रों में जनगणना भी कराने जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, नेपाल के जनसंख्या मंत्रालय ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। मंत्रालय ने नेपाल तथ्यांक विभाग को इन क्षेत्रों में जाकर डोर टू डोर डाटा एकत्र करने को कहा है।
नेपाल सरकार के इस फैसले से सीमांत के गुंजी, नाबी और कुटी सहित दर्जनों गांवों में नेपाल के प्रति भारी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि नेपाल के इस फैसले का सीमांत के लोग कड़ा जवाब देंगे।
लिंपिंयाधूरा के एरिया को अपने क्षेत्रफल में शामिल किया
नेपाल का क्षेत्रफल 147141 वर्ग किमी है। सूत्रों के अनुसार, नेपाल ने नए क्षेत्रफल में लिंपिंयाधुरा के 375 वर्ग किमी को भी दर्ज कर दिया है। भौगोलिक आधार पर नया क्षेत्रफल 147516 वर्ग किमी दर्ज कराने वाली बुक जल्द ही पाठ्य पुस्तकों में शामिल करने जा रहा है।
लेकिन नेपाल सरकार ने अनौपचारिक तौर पर इसमें त्रुटियां होने की बात कही है। शिक्षामंत्री गिरिराज मणि पोखरेल ने पाठ्य पुस्तकों को फिलहाल रोकने के निर्देश दिए हैं।