पिथौरागढ़ जिले की नदियां कयाकिंग के लिए बेहतरीन

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पिथौरागढ़: बीते दिनों व्यास घाटी में ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर बर्फीली कुटी नदी में पहली बार कयाकिंग करने वाले नरेंद्र सिंह नानू ने दावा किया है कि जिले की नदियों में पर्याप्त पानी के चलते कयाकिंग की अपार संभावनाएं हैं।

लेह में प्रतिवर्ष सर्वाधिक ऊंचाई पर होने वाली कयाकिंग प्रतियोगिता में भाग लेकर राज्य का नाम रोशन करने वाले नाचनी निवासी नरेंद्र मेहरा नानू ने बीते दिनों पिथौरागढ़ के धारचूला तहसील के उच्च हिमालयी भू भाग में 11हजार फीट की ऊंचाई पर कुटी यांग्ती में कयाकिंग कर जिले में कयाकिंग की संभावनाओं को जन्म दे दिया है। नरेंद्र नानू ने अब तक कयाकिंग की छह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया है। एशिया की सबसे बड़ी प्रतियोगिता मालबार रिवर फेस्टिवल इंटरमीडिएट में स्वर्ण जीता है। इसी प्रतियोगिता में प्री कैटिगिरी में एशिया के चार बेस्ट में नाम उनका नाम शामिल है।

 

नरेंद्र सिंह नानू कुटी यांग्ती में सबसे पहले कयाकिंग करने वाले खिलाडृ़ी बने हैं। नानू का कहना है कि पिथौरागढ़ जिले की नदियां कयाकिंग के लिए सबसे उपयुक्त हैं। उनका कहना है कि जिले की नदियों में पूरे साल भर काफी अधिक मात्रा में जल रहता है जो कयाकिंग के लिए सबसे अच्छा है। उन्होंने कहा कि यहां पर कयाकिंग का व्यावसायीकरण होने पर पर्यटन आजीविका का प्रमुख साधन बन जाएगा। साहसिक खेलों के खिलाड़ी जगदीश भट्ट ने बताया कि नरेंद्र मेहरा रामगंगा नदी में नियमित रू प से कयाकिंग का प्रशिक्षण देते हैं । उन्होंने बताया कि कयाकिंग खेल ओलंपिक में भी शामिल है। भारत में यह नया साहसिक खेल बना है और लोकप्रिय बनता जा रहा है। आने वाले दिनों में कयाकिंग पर्यटन के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखने वाला है। कुटी यांग्ती में नानू के प्रथम बार कयाकिंग करने से जिले में अब इसका शुभारंभ हो चुका है। ओपी अवस्थी

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