पिथौरागढ़ जिले के रिटायर्ड रोजगार अधिकारी एलएस बिष्ट ने युवाओं को दिखाई राह

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पिथौरागढ़ : सेवानिवृत्ति के बाद अधिकांश कार्मिक जहां आराम का जीवन बिताने को तवज्जो देते हैं, वहीं सीमांत तहसील धारचूला के खुमती गांव निवासी व रोजगार अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त एलएस बिष्ट परिश्रम के बूते युवाओं को नई राह दिखा रहे हैं। पसीना बहा उन्होने चार हजार फीट की ऊंचाई पर बसे अपने गांव में कीवी का बागान तैयार किया है।

सेवानिवृत्ति के बाद शहर में आराम की जिदगी बिताने की जगह उन्होंने गांव में कुछ नया करने का बीड़ा उठाया। सेवा काल के दौरान उन्हें किसानों के साथ हिमाचल भ्रमण का अवसर मिला है। इस भ्रमण ने उनकी सोच को आकार दिया। हिमाचल में उन्होंने कीवी की फसल और इससे होने वाली आमदनी से खुशहाल किसानों का जीवन देखा।

सेवानिवृत्ति के बाद गांव लौटे बिष्ट ने कीवी बागान के लिए अपनी जमीन तैयार की। कृषि अनुसंधान संस्थान की मदद से उन्होंने हिमाचल से कीवी के पौधे मंगाए और तकनीकी सहायता ली। इस बीच बागान में लगाए कई पौधे बेकार हो गए। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, दोबारा पौधे मंगाए और अब उनका बागान तैयार हो गया है। इस वर्ष से बागान में फल आने लगेगा।

बिष्ट का कहना है कि उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में साढ़े तीन हजार फीट से साढ़े पांच फिट की ऊंचाई तक बसे गांवों में कीवी उत्पादन की अच्छी संभावनाएं हैं। विटामिन सी सहित तमाम विटामिन के अच्छा स्त्रोत माने जाने वाली कीवी की बाजार में भारी मांग है। उन्होंने कहा है कि पहाड़ के बेरोजगार युवा कीवी उत्पादन कर घर पर ही अच्छी खासी आमदनी कर सकते हैं।

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