पिथौरागढ़ में हुए हादसे में लापता लोगों का रेस्क्यू जारी, पहाड़ दरकने से मलबे में दफन हुई 7 जिंदगियां

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धारचूला। रविवार को तवाघाट- लिपुलेख मार्ग पर कोथला के पास मलबे में दबे लोगों का अभी तक पता नहीं चल सका है। सोमवार सुबह से खोज कार्य प्रारंभ हो चुका है। प्रशासन ने अब मलबे में दबे लोगों के जिंदा नहीं होने की आशंका को लेकर धारचूला से पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल टीम को मौके पर जाने के आदेश दे दिए हैं। इधर अब बाजार बंद के निर्णय को स्थगित कर प्रदर्शन का करते हुए सड़क का कार्य करने वाली कंपनी के खिलाफ ज्ञापन देने का निर्णय लिया है।

अंधेरा के चलते शाम में बंद करना पड़ा बचाव कार्य
बीते रविवार को नाबी से धारचूला आ रहे वाहन पर छंकनरे और थक्ती झरने के बीच पहाड़ दरकने से वाहन सहित सात लोग मलबे में दब गए। घटना के बाद से यहां पर दोनों तरफ लोडर मशीन लगा कर मलबा हटाने का कार्य चला। रविवार देर शाम तक मलबा नहीं हट सका। इस दौरान कुछ मांस के लोथड़े भर मिले थे। शाम को अंधेरा होने से बचाव कार्य बंद करना पड़ा।

लोगों के जिंदा व दूर शव मिलने की संभावना
सोमवार सुबह पांगला थाने से पुलिस दल सहित एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और एसएसबी मौके पर पहुंची और मलबा हटाने का कार्य चल रहा है । घटना के अब 24 घंटे पूरे होने को जा रहे हैं । मलबे में दबे किसी के भी जिंदा रहने व दूर शवों के भी टुकड़े मिलने की संभावना जताई जा रही है।

हादसे के बाद लोगों में कंपनी को लेकर आक्रोश
जिलाधिकारी रीना जोशी ने चिकित्सा टीम को मौके पर जाने के आदेश दे दिए हैं। धारचूला से चिकित्सा टीम रवाना हो रही है ताकि मौके पर शव मिलने पर पोस्टमार्टम किया जाए। वहीं मार्ग बंद होने से उच्च हिमालय से धारचूला को आ रहे वाहन फंसे हैं। रविवार को मार्ग बंद होने से वाहन लौटे। इस हादसे को लेकर लोगों का आक्रोश गर्ग एंड गर्ग कंपनी पर है।

सड़क निर्माण के लिए भारी बारूदी विस्फोट हादसों की वजह
जनता का कहना है कि सड़क निर्माण के दौरान भारी बारूदी विस्फोट दुर्घटनाओं का कारण बना हुआ है। विस्फोट से पहाड़ हिल चुके हैं और दरक कर गिर रहे हैं जिससे हादसे हो रहे हैं। कंपनी के खिलाफ सोमवार को बाजार बंद के निर्णय पर बदलाव किया है।

बाजार बंद की जगह प्रदर्शन का निर्णय लेने की संभावना
बाजार बंद के स्थान पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिए जाने की संभावना है। कंपनी के खिलाफ कार्यवाही के लिए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा। घटना को लेकर धारचूला से लेकर उच्च हिमालय में शोक व्याप्त है।

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