भारत-नेपाल के बीच मोटर छारछुम में बनेगा पहला पुल, आइआइटी दिल्ली को भेजी डीपीआर

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पिथौरागढ़ : भारत-नेपाल के मध्य रोटी-बेटी के संबंधों को और मजबूती के लिए धारचूला के छारछुम में पहला मोटर पुल बनेगा। कोरोना काल से पूर्व स्वीकृत पुल का निर्माण आइआइटी दिल्ली को भेजी गई डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद शुरू होगा। दोनों देशों के सीमावर्ती क्षेत्र सड़क से जुड़ चुके हैं और मोटर पुल बनने से वाहनों से आवाजाही भी होने लगेगी।

भारत-नेपाल के बीच पूर्व में यह मोटर पुल झूलाघाट में बनना था। झूलाघाट के पंचेश्वर बांध के डूब क्षेत्र में होने के कारण पुल धारचूला विकास खंड के छारछुम का चयन किया गया। दो वर्ष पूर्व पुल का डिजाइन तय होने के बाद दोनों देशों के अधिकारी संयुक्त निरीक्षण भी कर चुके हैं। दो वर्ष पूर्व भारत की तरफ से स्थल की सफाई कार्य शुरू भी कर दिया गया था।

डिजाइन फाइनल करने के लिए दिल्ली आइआइटी की टीम ने निरीक्षण भी किया। वहीं मार्च 2020 से कोरोना काल के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया। नेपाल के कुछ संगठनों की ओर से कालापानी विवाद भी पैदा कर दिया गया। साथ ही सीमाएं भी सील रहीं। इधर, करीब दो वर्ष बाद नवंबर में भारत-नेपाल के अधिकारियों की पिथौरागढ़ में संयुक्त बैठक हुई। जिसमें भारत और नेपाल के मध्य स्वीकृत झूला पुलों और मोटर पुल निर्माण कराए जाने को लेकर चर्चा हुई। जिलाधिकारी पिथौरागढ़ ने छारछुम मोटर पुल निर्माण की कार्यवाही तेज करने के निर्देश लोनिवि अस्कोट को निर्देश दिए।

4887.26 लाख की लागत से बनेगा 110 मीटर लंबा पुल
भारत नेपाल के मध्य सीमांत जिले में धारचूला के छारछुम के पास काली नदी पर 4887.26 लाख की लागत से 110 मीटर स्पान का मोटर पुल बनेगा। मोटर पुल की डीपीआर तैयार हो चुकी है। पिथौरागढ़ जिले की नेपाल से 185 किमी लंबी सीमा है। सीमा के बीच अभी तक सात झूलापुलों में सीता पुल, एलागाड़, धारचूला, बलुवाकोट, जौलजीबी, द्वालीसेरा और झूलाघाट हैं। इसके अलावा दो और पुल प्रस्तावित हैं। अब मोटर पुल का निर्माण भारत ने करना है।
अधिशासी अभियंता लोनिवि वीके सिन्हा का कहना है कि पुल निर्माण की सभी तैयारियां हो चुकी है। पुल की डीपीआर स्वीकृति के लिए आइआइटी दिल्ली गई है। स्वीकृति शासन के पास आते ही पुल निर्माण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा।

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