लाखों नेपाली नागरिक बर्षों से भारत से पेंसन के साथ-साथ अनेक अन्य सुबिधा पाते हैं। पहले लाक डाउन अब नेपाली सरकार की हठधर्मिता के कारण पिछले कुछ समय से उन्हें रास्ते बंद होने से इससे बंचित होना पड रहा था। आज कुछ समय के लिए झुला पुल खुले तो नेपाली नागरिक उमड़ पड़े।
पिथौरागढ़ : भारत-नेपाल सम्बन्धों की गाँठ इतनी मजबूत है कि उसे चीन की लाख कोशिशों के बाबजूद कठपुतली नेपाली कम्युनिस्ट सरकार तोड़ नहीं पा रही। लाखों नेपाली नागरिक बर्षों से भारत से पेंसन के साथ-साथ अनेक अन्य सुबिधा पाते हैं। पहले लाक डाउन अब नेपाली सरकार की हठधर्मिता के कारण पिछले कुछ समय से उन्हें रास्ते बंद होने से इससे बंचित होना पड रहा था। आज कुछ समय के लिए झुला पुल खुले तो नेपाली नागरिक उमड़ पड़े।
भारत से पेंशन लेने वाले नेपाली पेंशनर्स के लिए आज भारत-नेपाल के बीच झूलाघाट और धारचूला के अंतर्राष्ट्रीय पुल खोले गए । नेपाल से भारी बारिश के बीच 129 पेंशनर्स ने भारत आकर करीब साढ़े सात लाख पेंशन निकाली। नेपाल के जौलजीबी से कोई भी पेंशनर पेंशन लेने नहीं आ सका। धारचूला में 42 और झूलाघाट में 87 नेपाली पेंशनर्स ने अपनी पेंशन ली है। संक्रमण की आशंका को लेकर झूलाघाट बाजार बंद रहा। पेंशनर्स के जाने के बाद बाजार में सेनेटाइजेशन किया गया
भारतीय सेना से सेवानिवृत्त्त नेपाली पेंशनर्स के लिए प्रशासन द्वारा बुधवार से तीन दिन के लिए पुल खोलने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत बुधवार को धारचूला और झूलाघाट के अंतर्राष्ट्रीय पुल पेंशनर्स के लिए खोले गए। भारी बारिश होने के कारण जौलजीबी में दूर-दूर के गांवों में रहने वाले पेंशनर्स ने आज नहीं पहुंच पाने की सूचना दी। जिसके चलते जौलजीबी में कोई भी पेंशनर पेंशन के लिए भारत नहीं आ सका ।
धारचूला में सुबह पुल खुला। पुल खुलनेे के बाद नेपाल से पेंशनर्स के आने का सिलसिला प्रारंभ हुआ। सुबह से तेज बारिश होने के कारण पुल से आने वाले पेंशनर्स की संख्या सीमित रही। कुछ वृद्ध पेंशनर्स तो अपने बेटों और परिजनों की पीठ पर चढ़कर पेंशन लेने पहुंचे। नेपाल के दूर दराज के गांवों से पेंशनर्स बुधवार को नहीं पहुंंच सके। पहले दिन मात्र 42 पेशनर्स ही पेंशन के लिए पहुंच पाए। पेंशन लेने के आने वाले पेंशनर्स की नेपाल और भारत दोनों तरफ चिकित्सा टीम द्वारा जांच की गई ।