पिथौरागढ़। नेपाल की ओर से झूलापुल नहीं खुलने के कारण बहनें बेहद मायूस नजर आईं। उन्होंने इस पर आक्रोश जताते हुए कहा कि नेपाल ने रोटी बेटी के रिश्तों का ध्यान नहीं रखा। इस बार वह अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध पाईं। कहा कि नेपाल प्रशासन को ऐसा नहीं करना चाहिए।
सोमवार को झूलापुल खोलने की आस में नेपाल जाने वाली 200 से अधिक बहनें राखी लेकर पुल के पास सुबह 10बजे तक पहुंच गई थी। धारचूला प्रशासन द्वारा रक्षाबंधन पर सुबह 10 से शाम 5.20 बजे के लिए पुल खोलने पर सहमति बनी थी।
तय समय में भारत की ओर से पुल खोला गया। लेकिन नेपाल पुलिस ने दार्चुला प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने की बात कहकर नेपाल की तरफ से पुल नहीं खोला। जिससे नेपाल जाने को आई बहनें तीन घंटे के इंतजार के बाद अपने-अपने घर चली गईं।
झूला पुल नहीं खोलना बहुत ही निराशाजनक
पूर्व में पहाड़ी जायका टीम की अध्यक्ष उर्मिला गुंज्याल ने रक्षाबंधन पर्व पर झूलापुल खोलने की मांग को लेकर स्थानीय प्रशासन को पत्र दिया था। उन्होंने कहा कि नेपाल की ओर से झूला पुल नहीं खोलना बहुत ही निराशाजनक है। नेपाल दार्चुला प्रशासन ने सदियों से चले आ रहे रोटी बेटी के संबंधों का ध्यान नहीं रखा।
व्यापार मंडल उपाध्यक्ष हरीश गुंज्याल ने कहा नेपाल की इस हरकत से स्थानीय व्यापारियों में काफी आक्रोश है। उन्होंने एसडीएम को पत्र देकर भारत की ओर से भी पुल न खोले जाने की मांग की। इधर झूलाघाट में भी सीमा पुल बंद होने से भारत में रहने वाली बहनें नेपाल में अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध पाईं।
लंबे समय तक पुल बंद होने से जहां झूलाघाट मंडी का कारोबार ठप पड़ा है। भारत के सीमावर्ती झूलाघाट, कानड़ी, सीमू, बलतड़ी, बनाड़ा, खरक्यूड़ा, जमिरपानी आदि गांवों में दर्जनों रिश्ते नेपाल से बने हैं। महिलाओं में इस पर्व पर अपने मायके जाकर त्योहार न मनाने का दुख है।
संक्रमण के चलते झूलापुल नहीं खोला गया
दार्चुला जिले में बढ़ते कोरोना पॉजिटिव के कारण उच्च अधिकारियों द्वारा झूलापुल नहीं खोलने के आदेश मिले थे। संक्रमण के चलते झूलापुल नहीं खोला गया।
– शरद कुमार पोखरेल, नेपाल दार्चुला सीडीओ
मैं हमेशा राखी, भैयादूज समेत अन्य पर्वों और परिवार में होने वाले कार्यक्रमों में नेपाल जाती रहती थी। इस बार अभी तक सीमा पुल खुलने का इंतजार कर रही थी। पुल न खुलने से पहली बार त्योहार में भाई को राखी नहीं बांधने का दुख है।
– मोना जोशी, झूलाघाट
नेपाल के गोठलापानी में मेरा मायका है। राखी पर नहीं जा पाने का मलाल है। मायके वालों ने फोन पर ही राखी की बधाई दी। राखी में भी बहनों के लिए भी मायके जाने के लिए पुल खुलना चाहिए था।
– ईसू भट्ट, झूलाघाट।
रक्षाबंधन पर झूलापुल खोलने की पूरी उम्मीद थी। लेकिन नेपाल प्रशासन ने अंतिम समय में झूलापुल न खोलकर बहनों को परेशान किया है।
– बबिता बुदियाल
नेपाल ने भारत के साथ रोटी बेटी के संबंधों का भी ध्यान नहीं रखा। झूलापुल पर बहनें पुल खुलने का इंतजार करती रही और नेपाल ने पुल नहीं खोला।
– सनम कुटियाल
बच्चों ने सैनिकों की कलाइयों पर बांधी राखी
पिथौरागढ़ में घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी के बच्चों ने 16 कुमाऊं के साथ बनाया रक्षाबंधन का त्योहार मनाया। जवानों ने कहा कि परिवार से दूर होने के बाद भी उन्हें बहनों की कमी एहसास संस्था के बच्चों ने नहीं होने दिया।
अभावि कार्यकर्ताओं ने जिला संयोजक अभाविप सीएम पांडेय के नेतृत्व में पुलिस कर्मियों के साथ रक्षाबंधन का त्योहार मनाया। एंचोली, केएमओयू स्टेशन समेत कई चैकियों में जाकर वहां पर तैनात अधिकारियों और कर्मियों को राखी बांधकर उनकी सलामती की दुआ मांगी। इस दौरान पूनम महर, निधि चंद , करिश्मा वर्मा, कंचन, कुमाऊं संयोजक अभाविप योगेश भट्ट, इंदर, शुभम भट्ट,भास्कर मनोला आदि शामिल रहे।
आपदा प्रभावितों ने फोन, सोशल मीडिया पर मनाया रक्षाबंधन
बंगापानी क्षेत्र के आपदा प्रभावितों ने फोन और सोशल मीडिया पर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया। टांगा और बंगापानी के राहत शिविरों रह रही बहनों फोन और व्हाट्सएप में मैसेज कर भाई से अपनी रक्षा का वचन लिया। बहनों ने भी इस दुख की घड़ी में भाई की लंबी उम्र की दुआ मांगी।
क्षेत्र में भीषण आपदा के बाद 19 लोगों की मौत हो गई थी। किसी ने अपना भाई खोया, किसी ने अपनी बहन। खौफनाक मंजर की यादें लिए गम भरे अश्रु से त्योहार मनाया। सामाजिक कार्यकर्ता हीरा चिराल ने कहा है कि दुख के दिन जरूर दूर होंगे। अगले वर्ष आपदा प्रभावित भी धूमधाम से रक्षाबंधन मनाएंगे।
सड़क बंद होने के कारण अपनी बहन के घर नहीं जा पाए धामी
विधायक हरीश धामी जौलजीबी मदकोट सड़क कई जगह बंद होने के कारण मदकोट बहन के घर नहीं जा पाए। विधायक धामी आपदा के समय से ही आपदा प्रभावितों की मदद को आपदाग्रस्त क्षेत्रों में हैं। उन्होंने बहन से फोन पर ही बात कर रक्षाबंधन की बधाई दी।