पैदल रास्ते टूटने से प्रसव पीड़िता को अस्पताल नहीं ला सके ग्रामीण

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गांव में ही बच्चे को जन्म देने के बाद महिला की मौत हो गई।
मुनस्यारी,28जुलाय : गोल्फा गांव को जोड़ने वाले सभी पैदल रास्ते टूटने से गांव के लोग मंगलवार शाम प्रसव पीड़िता को अस्पताल तक ले जाने की हिम्मत नहीं कर पाए। आखिरकार गांव में ही बच्चे को जन्म देने के बाद महिला की मौत हो गई।

बताया गया कि गोल्फा गांव निवासी जगदीश सिंह कोरंगा की पत्नी सुनीता (22) को मंगलवार शाम प्रसव पीड़ा हुई। उनकी हालत लगातार बिगड़ने लगी, लेकिन गांव से मुख्य सड़क तक जोड़ने वाले पैदल रास्ते बारिश के कारण टूटने से डोली पर बैठाकर सुनीता को ले जा पाना संभव नहीं हो पाया। गोल्फा गांव जाने के लिए मुनस्यारी से दो रास्ते हैं। एक रास्ता गोल्फा से झापुली होते हुए आता है और दूसरा रास्ता दानीबगड़ होते हुए बना है। दोनों रास्तों से मदकोट में सड़क तक पहुंचने में आठ किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी होती है।

मदकोट से मुनस्यारी तक 27 किलोमीटर का सफर वाहन से तय करना पड़ता है। बताया गया कि यह दोनों रास्ते पिछले 15 दिन से बंद पड़े हैं। कई जगह रास्ते बह गए हैं। जरूरी काम से आने वालों को चट्टानों को पकड़कर निकलना पड़ता है। गोल्फा के सरपंच दुर्योधन सिंह ने बताया कि यदि पैदल रास्ता ठीक होता तो सुनीता की जान बच जाती। गांव के लोगों में सरकार और प्रशासन के प्रति भारी गुस्सा है।

रोज टूट जाता है गोल्फा जाने वाला रास्ता
लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता महेंद्र प्रताप वर्मा ने स्वीकार किया कि गोल्फा गांव को जोड़ने वाले पैदल रास्ते की हालत खराब है। वह कहते हैं कि रास्ते की मरम्मत के लिए मजदूर लगाए गए हैं, लेकिन बारिश से रास्ता रोज टूट जाता है। पैदल रास्ता टूटने के कारण लोगों को हो रही परेशानी की जानकारी अधिशासी अभियंता और आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष को भी दी गई है। लोनिवि के अधिशासी अभियंता पीसी जोशी ने बताया कि पैदल रास्ते को मदकोट से गोल्फा के लिए बन रही सड़क के मलबे से नुकसान पहुंच रहा है। जल्द ही रास्ते की मरम्मत के लिए ज्यादा संख्या में मजदूर भेजे जाएंगे। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता हीरा सिंह चिराल ने कहा कि लोग भारी संकट में हैं। सरकार और प्रशासन को इस ओर जल्दी ध्यान देना चाहिए।

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