पूर्व मुख्यमंत्री, सांसद भगत सिंह कोश्यारी पंचेश्वर बाँध के डूब क्षेत्र के भ्रमण पर; सम्भावित प्रभावितों की चिंताओं से हो रहे रूबरू

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पिथोरागढ़ (संवाददाता) : पूर्व मुख्यमंत्री तथा सांसद भगत सिंह कोश्यारी पिछले तीन दिन से लगातार पंचेश्वर बाँध के डूब क्षेत्र के भ्रमण पर हैं. श्री कोश्यारी ने दूरस्त गांवों में जाकर लोगो से बात की तथा बाँध बनने से होने वाली सम्भावित सस्याओं की चर्चा की तथा लोगों की शंकाओं का निराकरण किया.श्री कोश्यारी सम्भावित प्रभावितों की चिंताओं से रूबरू भी हुए. इस सघन भ्रमण श्री कोश्यारी पीपली से रनुवा,ड्योढ़ा, दोलीसेरा, तितरी, बगडीहाट पहुंचे तथा इन गांवों में संभावितो से बात की और उनकी समस्या व चिंताओ पर बिस्तार से चर्चा.

श्री कोश्यारी ने क्षेत्रवासियों को बताया कि बाँध बनने से क्षेत्र का विकास होगा, लोगों को रोजगार के नये अवसर प्राप्त होंगे तथा पिथोरागढ़ में पर्यटन बढेगा. उन्होंने कहा सरकार बाँध बनाने से पहले डूब क्षेत्र की हर समस्या का निवारण करगी. लोगो को विस्थापन उनकी मर्जी से और मनचाहे स्थान पर किया जाएगा. श्री कोश्यारी ने कहा, टिहरी बाध प्रभावितों कि चिंता आज भी सरकार कर रही है.

उन्होंने कहा बाँध निर्माण को तरह-तरह की भ्रान्ति फैलाई जायेगी उस जनता को ध्यान नहीं देना है. लोग इस बात पर तो सजग रहीं कि उन्हें रोजगार मिले, पुनर्वास मन के अनुसार हो, मुवाजा पर्याप्त और समय पर मिले. इसके लिए वे हमेशा जनता के साथ रहेंगे.

इससे पूर्व उन्होंने झूलाघाट पहुंचकर ग्रामीणो को बांध के फायदे बताए बलतड़ी गांव में आयोजित एक सभा में कोश्यारी ने कहा कि बांध बनने से लोगों को तो लाभ मिलेगा ही, इससे प्रदेश का विकास भी होगा। बांध में ग्रामीणों की हिस्सेदारी होगी। इस दौरान पंचेश्वर बांध संघर्ष समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर भट्ट ने बांध निर्माण पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यदि सरकार जमीन के बदले जमीन नहीं दे सकती तो इतने बड़े बांध का निर्माण कैसे कर सकती है।

उन्होंने पंचेश्वर बांध के लिए भूमि अधिग्रहण कानून अलग से बनाने की मांग की। कोश्यारी ने प्रभावितों को आश्वासन देते हुए कहा कि मैं भी पहाड़ से जुड़ा हुआ हूं, और पहाड़ के ग्रामीणों की मजबूरी से अच्छी तरह वाकिफ हूं। बांध से जो भी बिजली उत्पादन होगा और उससे जो लाभ मिलेगा, उसमें प्रभावितों को भी हिस्सेदारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रभावितों की समस्याओं को केंद्र सरकार के समक्ष रखा जाएगा। भ्रमण के दौरान उनके साथ केदार जोशी, रमेश पांडेय, महीमन कन्याल, शंकर जोशी, गिरीश जोशी आदि लोग थे.

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