टिहरी सीट पर दलबदल जीतेंगे मतदाताओं का दिल या उजपा मार जायेगी बाजी

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टिहरी। टिहरी विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों की अदलाबदली से चुनावी समीकरण जटिल हो गए हैं। सियासी जानकार भले ही मुख्य मुकाबला भाजपा और उत्तराखंड जन एकता पार्टी (उजपा) के बीच मान रहे है, लेकिन कांग्रेस की चौतरफा घेराबंदी से त्रिकोणीय संघर्ष के आसार बन रहे हैं। दलबदल से नाराज भाजपा और कांग्रेस के कुछ नेताओं से भितरघात की आशंका को खतरे के तौर पर देखा जा रहा है। क्षेत्र में तीनों प्रत्याशियों की मजबूत पकड़ है। बावजूद इसके उन्हें खूब पसीना बहाना पड़ रहा है। क्योंकि, आम आदमी पार्टी सहित अन्य निर्दलीय प्रत्याशी दलबदल को हवा देकर जोड़तोड़ में लगे हैं।

टिहरी विधानसभा सीट पर तीन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। वर्ष 2002 और 2007 में टिहरी से विधायक एवं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे किशोर उपाध्याय 2012 में चुनाव हारने के बाद इस बार भाजपा के टिकट पर चुनावी अखाड़े में हैं। उपाध्याय 45 साल तक कांग्रेस में रहे हैं और गांधी परिवार के करीबी बताए जाते थे। नामांकन से ऐन पहले उपाध्याय के भाजपा और भाजपा के सिटिंग विधायक डॉ. धन सिंह नेगी का टिकट कट जाने से उनके कांग्रेस में शामिल होने से चुनावी समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं। भाजपा प्रत्याशी किशोर उपाध्याय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से लेकर अपने विधायकी के दो कार्यकाल के विकास कार्यों पर वोट मांग रहे हैं।

वहीं, कांग्रेस के डॉ. धन सिंह नेगी अपनी पांच साल की उपलब्धियों के आधार पर वोट मांग रहे है। दूसरी ओर, पूर्ववर्ती सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे दिनेश धनै उत्तराखंड जन एकता पार्टी का गठन कर चुनावी मैदान में हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में धनै कैबिनेट मंत्री रहते हुए हार गए थे। यह चुनाव उनके राजनीतिक जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। धनै भाजपा और कांग्रेस पर दलबदल का आरोप लगाते हुए मंत्री रहते हुए किए गए विकास कार्यों के नाम पर जनता से वोट की अपील कर रहे हैं। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी से त्रिलोक नेगी, उक्रांद की उर्मिला महर समेत कुल सात प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। अन्य सभी प्रत्याशी राज्य गठन के 21 वर्षों में टिहरी का अपेक्षित विकास न होने को मुद्दा बना रहे हैं। सभी प्रत्याशी घर-घर जाकर वोट के लिए दस्तक दे रहे हैं, लेकिन मतदाता अभी खामोश है। इस सीट में चंबा, जाखणीधार ब्लॉक, चंबा, नई टिहरी नगरपालिका क्षेत्र शामिल हैं। कर्मचारी मतदाता भी हार-जीत के गणित में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। जातीय समीकरण बैठाने के लिए प्रत्याशी एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। संवाद

संक्षिप्त इतिहास
राज्य बनने के बाद इस सीट पर 2002 और 2007 में कांग्रेस के टिकट से किशोर उपाध्याय जीते। वर्ष 2012 में निर्दलीय दिनेश धनै विधायक चुने गए। वर्ष 2017 में भाजपा से डॉ. धन सिंह नेगी चुनाव जीते।

मतदाता
कुल 83,542
महिला 40,527
पुरुष 43,015

स्थानीय मुद्दे
जिला मुख्यालय में मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल समेत ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, टिहरी झील को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने, बांध प्रभावितों की समस्याओं का निराकरण, चंबा और नई टिहरी में पर्याप्त पेयजल आपूर्ति, केंद्रीय विद्यालय का भवन निर्माण, बौराड़ी स्टेडियम का काम, टीएचडीसी हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज, श्रीदेव सुमन विवि की व्यवस्थाएं दुरुस्त करना।

टिहरी झील के चारों तरफ एक बेहतर शहर बसाया जाएगा। शिक्षा, स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्था बनाने और बांध प्रभावितों की समस्या का निराकरण किया जाएगा। जनता का अपार समर्थन मिल रहा है, जो मेरी जीत का आधार बनेगा।
– किशोर उपाध्याय, भाजपा प्रत्याशी

भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी ने विधायक रहते जनता से किए वादे पूरे नहीं किए। जनता इनसे हिसाब मांग रही है। अब दोनों ने दल बदल कर जनता को गुमराह किया है। अपने कार्यकाल में किए कार्यों के बल पर जनता का समर्थन मिल रहा है।
– दिनेश धनै, उजपा प्रत्याशी

पांच साल के कार्यालय में क्षेत्र का समग्र विकास किया है, लेकिन ऐन वक्त पर भाजपा ने मेरा टिकट काट दिया। इसका जवाब 14 फरवरी को जनता वोट देकर देगी। गांव-गांव जाकर जिस तरह समर्थन मिल रहा है, उससे जीत सुनिश्चित है।
– डॉ. धन सिंह नेगी, कांग्रेस प्रत्याशी

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