-आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी.
-हृदेश बोली रावत का दोनों सीटें हारना काला अध्याय
-रावत का जवाब पहले ही हार की जिम्मेदारी ले चुका, जो सजा देनी हो कबूल
देहरादून: विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार की टीस ईवीएम पर ठीकरा फोड़ने के बावजूद कम होती नहीं दिख रही है. चुनाव नतीजे आने के एक महीने के बाद अब पार्टी का अंदरूनी गुबार सतह पर फूटने लगा है. नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने हार का ठीकरा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर फोड़ा तो नेता प्रतिपक्ष की टिप्पणी पर हरीश रावत ने भी जवाब देते देर नहीं लगाई. उन्होंने कहा कि वह हार की जिम्मेदारी ले चुके हैं. फिर भी पार्टी नेता उन्हें दंड देना चाहते हैं तो वह तैयार हैं.
चुनाव नतीजों ने राज्य में कांग्रेस के मनोबल पर चोट पहुंचाई है. नतीजे आने के बाद पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में हुई कांग्रेस प्रत्याशियों की बैठक में भी चुनाव में हार के लिए संसाधनों की कमी और भितरघातियों पर हमला बोला जा चुका है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को भी कुमाऊं मंडल में विभिन्न बैठकों में हार के चलते कार्यकर्ताओं के रोष से रूबरू होना पड़ा है.
उधर, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को निशाने पर लेकर पार्टी में सनसनी मचा दी है. रावत के नेतृत्व में लड़े गए इस चुनाव में बतौर मुख्यमंत्री उनके दो सीटों पर चुनाव हारने को भी इंदिरा ने राजनीति का काला दिन करार दिया.
वहीं इंदिरा की टिप्पणी पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी मोर्चा संभाला है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री के काल के सभी काले कार्य, पार्टी उम्मीदवारों का चयन भी व हार की वह सार्वजनिक जिम्मेदारी ले चुके हैं. फिर भी यदि पार्टी नेता उन्हें दंड देना चाहते हैं तो वह इसके लिए भी खुद को प्रस्तुत करते हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी को उजाले में लाने की जिम्मेदारी अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की है. अब हम सब उनके साथ हैं.