ऊधमसिंहनगर। संवाददाता।
उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों को लेकर आपके दिल में अगर पीड़ा है, तो अब खुश होने का समय आ गया है। गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय राज्य के गांवों को स्मार्ट बनाने की राह पर चल पड़ा है। इसके लिए पहले चरण में नौ गांव चयनित किए जाएंगे और ग्राम पंचायत से ब्लॉक स्तर तक एक्शन प्लान बनाया जाएगा।
एक्शन प्लान के अनुसार एक गांव एक किसान के कंसेप्ट के तौर समन्वित खेती, पशुपालन आदि को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों की टीमें गठित की गई हैं। ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, चम्पावत, नैनीताल, पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा के एक-एक गांव का स्मार्ट विलेज के लिए चयन किया जाएगा।
पहले चरण में उन गांवों का चयन किया जाएगा जिनमें ज्यादातर लघु व सीमांत जोत वाले किसान हैं। राज्य में 91 फीसद किसान छोटे जोत के हैं। इनके पास 66 फीसद कृषि भूमि है। नौ फीसद किसानों के पास 34 फीसद कृषि भूमि है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जे कुमार के अनुसार स्मार्ट विलेज में किसानों को उन्नत बीज, उच्च तकनीक और सरकार की योजनाओं से अवगत कराया जाएगा।
इससे किसानों के जीवन स्तर में बदलाव भी आएगा। विश्वविद्यालय के निदेशक (शोध) डा. एसएन तिवारी स्मार्ट विलेज के लिए कृषि वैज्ञानिकों की स्टीयरिंग, प्रोग्रामिंग सहित तीन टीमें गठित की गई हैं। स्मार्ट विलेज में सभी सुविधाओं लैस होगा।