देहरादून। संवाददाता। साल 2016 में तीन तलाक के खिलाफ काशीपुर ऊधमसिंहनगर की शायराबानों ने सुप्रीमकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। मामला तीन तलाक से जुड़ा था, इसलिए देशभर में इसकी गूंज पहुंची। जिस पर सुप्रीमकोर्ट की जस्टिस खेहर सहित पांच न्यायधीशों की खंडपीड ने 6 महीने के लिए स्टे लगा दिया है।
कोर्ट ने मामलें में सरकार को कड़ा नियम बनाने तक स्टे रहने के ओदश दिए है। कोर्ट के निर्णय के बाद भी अल्पसंख्यक समाज के कुछ उलेमा इसे अस्वीकार कर रहे हैं, उनका कहना है तीन न्यायधीशों ने इस पर अपना फैसला ना में दिया है। फिलहाल कोर्ट का अंतिम निर्णय महिलाओं के हित में हैं, जिस पर अब रोक लग चुकी है। जैसे-जैसे समाज समय के साथ साथ इसे स्वीकार कर लेगा इस पूरी तरह से रोक लगाना सरकार के लिए आसान हो जाएगा।
बता दे कि काशीपुर की शायराबानों को उसके पति ने सिर्फ तीन-बार तलाक-तालक-तलाक कहकर छोड़ दिया था, जब शायराबानों पर वास्तव में इसका असर दिखा, तो उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 22 अगस्त 2017 यानी आज के दिन उसे कोर्ट से राहत मिली। अपने दुख के अंत के साथ उसने कई महिलाओं का भविष्य सुरक्षित कर दिया।