उत्तराखण्ड के 20 उच्च शैक्षिक संस्थानों में चलेंगी स्मार्ट क्लासेज

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देहरादून। ब्योरों। उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत अब राज्य की शिक्षानीति में बड़ा फेरबदल करने जा रहे हैं। सरकार निजी उच्च शिक्षण संस्थाओं की तर्ज पर राज्य के सरकारी डिग्री काॅलेजों में स्मार्ट क्लासेज शुरू करने जा रही है। जो इंटरनेट, एलसीडी, ओवरहेड प्रोजेक्टर, वेब कैमरा, स्मार्ट बोर्ड वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा से भी लैस होंगे।

पहले चरण में राज्य के दूरदराज के 20 डिग्री कॉलेजों को ये तोहफा मिलने जा रहा है। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा डॉ रणबीर सिंह ने इस संबंध में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ बीएस मलकानी से विस्तृत प्रस्ताव जल्द तलब किया है।

सरकारी डिग्री कॉलेजों खासकर दूरदराज के कॉलेज यूं तो संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। इन कॉलेजों में स्मार्ट क्लासेज का ख्वाब दूर की कौड़ी है, लेकिन अब राज्य सरकार इन कॉलेजों को स्मार्ट बनाने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के समीक्षा बैठक में स्मार्ट क्लासेज शुरू करने पर जोर देने के बाद अब उच्च शिक्षा महकमा इस योजना को जमीन पर उतारने में जुट गया है।

योजना का मकसद सरकारी कॉलेजों को पठन-पाठन की आधुनिक तकनीक से जोडना है। सरकार इस ओर इसी शैक्षिक सत्र में कदम बढ़ाने जा रही है। उच्च शिक्षा अपर मुख्य सचिव डॉ रणबीर सिंह ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सरकारी डिग्री कॉलेजों में स्मार्ट क्लासेज प्रारंभ करने को लेकर उच्च शिक्षा निदेशक, महकमे के अधिकारियों व कॉलेज प्राचार्यों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये चर्चा की।

अपर मुख्य सचिव ने योजना के पहले चरण में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) में चयनित में से 20 सरकारी डिग्री कॉलेजों में इसे शुरू करने के निर्देश दिए। उक्त कॉलेजों में 20 फीसद क्लासेज को स्मार्ट क्लासेज के तौर पर संचालित किया जाएगा। जिनमें एकाउंट, आर्टस और विज्ञान की कक्षाओं को शामिल किया गया है।
बड़े कॉलेजों में दो से अधिक स्मार्ट क्लासेज तो अन्य कॉलेजों में दो स्मार्ट क्लासेज संचालित की जाएंगी। आने वाले वर्षों में इस योजना में अधिक कॉलेजों का चयन किया जाएगा।

उच्च शिक्षा निदेशक को इस संबंध में विस्तृत प्रस्ताव जल्द देने को कहा गया है। दस कॉलेजों में ई-लाइब्रेरी भी शुरू की जाएगी। ई-लाइब्रेरी में छात्र-छात्राओं को इंटरनेट सुविधा के साथ ही ऑनलाइन ओपन रिसोर्स उपलब्ध कराए जाएंगे।

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