लड़को से कम नही उत्तराखंड की बॉडी बिल्डर भूमिका शर्मा

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आमतौर पर बॉडी बिल्डिंग पुरुषों का खेल माना जाता है। देहरादून की भूमिका ने वर्ल्ड बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप जीत कर साबित कर दिया कि लड़कियां किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं। भूमिका तीन साल पहले ही बॉडी बिल्डिंग के फील्ड में आईं और विश्व पटल पर छा गईं हैं।

देहरादून के सहस्रधारा रोड निवासी भूमिका शर्मा ने पिछले महीने इटली में आयोजित वर्ल्ड बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है। भूमिका के अनुसार समाज में रहते हुए लड़कियों को इस तरह के खेल में कठिनाइयों का सामना करना ही पड़ता है और मैं भी इसका शिकार हुई। बताया कि लड़कियों की मसल्स शेप में आने में बहुत टाइम लेती है जबकि पुरुषों की मसल्स आसानी से बन जाती हैं। बताया कि बॉडी बिल्डिंग के लिए लड़कियों को तीन गुणा ज्यादा मेहनत करनी होती है। ऐसी बॉडी बनाने में करीब तीन साल लगते हैं, जो पुरुष दो साल में ही बना लेते हैं। बताया वह आज 120 किग्रा के स्क्वाट उठा लेती हैं। क्योंकि अब पुरुषों के साथ वर्कआउट करने की आदत हो गई है। लड़कियों को डाइट कंट्रोल करने में भी परेशानी होती है।

मां भारत्तोलन में इंडिया टीम की रही चुकी हैं कोच 

भूमिका ने बताया कि पापा वीवी सिंह बिजनेसमैन हैं। मां हंसा मनराल शर्मा भारत्तोलन इंडिया टीम की कोच रह चुकी हैं। घरवालों ने उन्हें हर बात पर सपोर्ट किया। उनकी मां अधिकतर नेशनल कैंप में ही रहा करती थीं तो वह भी कई शहरों में रहीं। 2009 में देहरादून में सेटल हुए और फिर यहीं पर जिम खोला। इसके बाद भी कुछ टाइम के लिए बनारस गईं। काशीपुर में शुरुआती पढ़ाई की थी और फिर जब देहरादून सेटल हुए तो दो साल टचवुड स्कूल में पढ़ीं। दसवीं से 12वीं तक की पढ़ाई बनारस में यूपी बोर्ड से की। ग्रेजुएशन के लिए मैंने जसपाल राणा इंस्टीटयूट से बीपीएड में एडमिशन लिया और यह मेरा दूसरा साल है।

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