देहरादून। पहाड़ों की रानी मसूरी के लिए रोपवे का निर्माण छह माह के भीतर शुरू हो सकता है। 400 करोड़ की लागत से पुरकुल से मसूरी तक बनने वाले 5.5 किमी. लंबे रोपवे का निर्माण फ्रांस की पोमा इंटरनेशनल कंपनी करेगी। जल्द ही पर्यटन विभाग और कंपनी के साथ एमओयू किया जाएगा। इस रोपवे के बनने से 16 मिनट में मसूरी पहुंच सकते हैं।
लंबे समय से मसूरी के लिए रोपवे निर्माण की चल रही कवायद अब परवान चढ़ने वाली है। छह माह के भीतर पर्यावरण क्लीयरेंस और वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य शुरू हो सकता है।
इस रोपवे निर्माण का मुख्य उद्देश्य मसूरी में ट्रैफिक दबाव को कम करना है। हाल ही में फ्रांस की पोमा कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञ ने स्थलीय निरीक्षण किया। कंपनी को सरकार ने रोपवे तैयार करने के लिए ढाई साल का समय दिया है।
कंपनी को देश-विदेश में रोपवे बनाने में विशेषज्ञता हासिल है। कंपनी के अनुसार रोपवे के टावर बनाने के लिए सड़क की जरूरत नहीं है। हेलीकाप्टर के जरिये टावर के लिए निर्माण सामग्री पहुंचाई जाएगी।
रोपवे निर्माण में वन भूमि का नहीं रहेगा अड़ंगा
मसूरी रोपवे निर्माण में वन भूमि का अड़ंगा ज्यादा नहीं रहेगा। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार रोपवे के निर्माण के लिए सिर्फ उतनी ही वन भूमि का अधिग्रहण करना पड़ेगा। जितना टावर निर्माण के लिए चाहिए। अभी तक एक टावर से दूसरे टावर के बीच रोपवे लाइन के दोनों तरफ 10-10 मीटर भूमि का अधिग्रहण करने की अनुमति लेनी पड़ती थी।
मसूरी रोपवे का निर्माण कार्य छह माह के भीतर शुरू कराने का प्रयास किया जा रहा है। शीघ्र ही फ्रांस की कंपनी के साथ एमओयू किया जाएगा। 400 करोड़ की लागत से रोपवे को तैयार करने में कम से कम ढाई साल का समय लगेगा। इस रोपवे के बनने से मसूरी में ट्रैफिक दबाव कम होगा और 16 मिनट में मसूरी पहुंच सकते हैं।
– दिलीप जावलकर, सचिव, पर्यटन विभाग