छह महीने में सरकार का साठ फीसदी बजट खर्च

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देहरादून। संवाददाता। राज्य के बजट से प्लान और नॉन प्लान मदें गायब होने के बाद पूंजीगत और राजस्व मदों ने जगह भले ही बना ली हो, लेकिन बजट खर्च की स्थिति में सुधार लाने को सरकार को अभी लंबी दूरी तय करनी है। चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 की पहली छमाही बीत चुकी है और सातवां महीना शुरू हो चुका है।

इस अवधि में अब तक करीब 16000 करोड़ बजट खर्च हुआ है। यह कुल बजट का करीब 40 फीसद है। खास बात यह है कि खर्च किए गए बजट में केंद्रपोषित योजनाओं के रूप में मिलने वाली मदद और कर्ज की हिस्सेदारी 30 फीसद है। उत्तराखंड में पलायन और विकास की गंगा पर रिवर्स गियर लगने का भरोसा डबल इंजन पर ही आकर टिक गया है।

राज्य बजट के सामने दो प्रमुख चिंताएं हैं। एक तो बजट का समय पर सदुपयोग और दूसरा, केंद्रीय मदद पर बढ़ती निर्भरता। प्रचंड बहुमत से जीती भाजपा सरकार अपने रुख से यह साफ कर चुकी है कि विकास के मामले में गेमचेंजर की भूमिका में यदि कुछ है तो वह है केंद्रीय मदद अथवा केंद्र की महत्वाकांक्षी परियोजनाएं।

चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए कुल बजट 39957.78 करोड़ रखा गया है। इसमें से अभी तक महज 40 फीसद बजट खर्च हो पाया है। शेष छह माह से कम रह गए वक्त में सरकार के सामने करीब 60 फीसद बजट खर्च करने की चुनौती है।

 

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