देहरादून।ब्योरों। विद्यालयी शिक्षा में पुरानी पुस्तकों को आगे भी उपयोग में लाने और छात्र-छात्राओं पर पुस्तकों के रूप में आर्थिक बोझ कम करने के प्रयोग को उच्च शिक्षा में भी आजमाने की तैयारी है। उच्च शिक्षा में इसे कुछ तब्दीली के साथ प्रयोग में लाया जाएगा।
पुरानी पुस्तकों को सहेजने के लिए पुस्तक दान अभियान को बड़े पैमाने पर चलाया जाएगा। इस अभियान में डिग्री कॉलेजों में लगने वाली पाठ्यपुस्तकें ही दान स्वरूप ली जाएंगी। खास बात ये है कि पुस्तक दान के इस अनूठे अभियान में महकमा झोली फैलाएगा और महकमे के सभी अधिकारी, प्राचार्य और अन्य कार्मिक स्वेच्छा से एक दिन का वेतन या पुस्तकें दान दे सकेंगे।
उच्च शिक्षा में पुस्तकें काफी महंगी हैं। सरकारी डिग्री कॉलेजों में पुस्तकालयों की स्थिति अच्छी नहीं है। छात्र-छात्राओं को पर्याप्त पुस्तकें मुहैया कराने में पेश आ रही दिक्कतों का तोड़ सरकार ने ढूंढा है। इससे पहले विद्यालयी शिक्षा में भी बुक बैंक की स्थापना का प्रयोग किया जा चुका है। सरकार अगले शैक्षिक सत्र से प्रत्येक सरकारी व निजी विद्यालय में बुक बैंक की स्थापना को अनिवार्य बनाने का आदेश जारी कर चुकी है।