आरटीआई पर सोनिया ने केंदª पर साधा निशाना, कहा-भाजपा ने जवाबदेही से बचने के लिए किया बदलाव

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सोनिया गांधी (फाइल फोटो)


दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सूचना का अधिकार कानून में संशोधनों को लेकर गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि इस सरकार ने एजेंडे के तहत संशोधित कानून के माध्यम से सूचना आयुक्तों की स्वायत्तता की बलि चढ़ा दी। उन्होंने यह दावा भी किया कि अब मोदी सरकार अपनी चापलूसी करने वाले अधिकारियों की नियुक्ति कर सकेगी और अपनी जवाबदेही से बच जाएगी।
सोनिया ने एक बयान में कहा, ‘कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की सबसे गौरवशाली उपलब्धियों में से एक ‘सूचना का अधिकार कानून’ था जो 2005 में बना था। इस ऐतिहासिक कानून ने सूचना आयोग जैसी संस्था को जन्म दिया, जिसने पिछले 13 साल में प्रजातंत्र के मायने बदलकर शासन तथा प्रशासन में पारदर्शिता लाने एवं सरकारों की आम जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करने का काम किया।’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘आरटीआई कानून ने सरकार एवं नागरिकों के बीच उत्तरदायित्व एवं जिम्मेदारी का सीधा संबंध स्थापित किया तथा भ्रष्टाचारी आचरण पर निर्णायक प्रहार भी किया। पूरे देश के आरटीआई कार्यकर्ताओं ने भ्रष्टाचार के उन्मूलन, सरकारी नीतियों की प्रभावशीलता के आकलन तथा नोटबंदी और चुनाव जैसी प्रक्रियाओं की कमियों को उजागर करने के लिए इस कानून का प्रभावी ढंग से उपयोग किया।’

मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘यह बात किसी से छिपी नहीं है कि मोदी सरकार आरटीआई की संस्था को अपने निरंकुश एजेंडा को लागू करने में एक बड़ी अड़चन के तौर पर देखती आई है। यह कानून जवाबदेही मांगता है और भाजपा सरकार किसी भी तरह के जवाब देने से साफ-साफ गुरेज करती आई है।’

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