उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निर्यात नीति को लागू करने की तैयारी है। इसके लिए उद्योग विभाग ने सभी विभागों से ऐसे उत्पादों के विषय में जानकारी देने को कहा है, जिनका निर्यात किया जा सकता है। अभी प्रदेश में सबसे अधिक निर्यात फार्मा उत्पाद, इंजीनियरिंग व आटोमोबाइल उत्पाद, प्लास्टिक, कृषि व औद्योनिकी के उत्पादों का किया जा रहा है। इस नीति को आगामी कैबिनेट में लाने की तैयारी है।
प्रदेश सरकार का फोकस इस समय स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर है। इसके लिए प्रदेश सरकार इन उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने के लिए एक जिला-दो उत्पाद योजना लेकर आई है। इसके तहत हर जिले से ऐसे दो उत्पादों का चयन किया जा रहा है, जिनका निर्यात किया जाएगा। इसके अलावा अन्य कई उत्पाद ऐसे हैं जिनका समय-समय पर निर्यात किया जा रहा है।
निर्यात की दृष्टि से उत्तराखंड पूरे देश में 19 वें स्थान पर है। उत्तराखंड में इस समय आटोमोबाइल व फार्मा क्षेत्र महत्वपूर्ण मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित हुए हैं। राज्य से होने वाले निर्यात में इनका प्रतिशत सबसे अधिक है। इसके अलावा पुष्प कृषि, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, जैविक उत्पाद, सगंध एवं औषधीय पौध आधारित उद्योग, जैव प्रौद्योगिकी, हस्तशिल्प ऐसे क्षेत्र हैं, जहां निर्यात की पार संभावनाएं हैं। यही कारण है कि उद्योग विभाग ने सभी विभागों से ऐसे उत्पादों की सूची मांगी है, जिनके निर्यात की सबसे अधिक संभावनाएं हैं। अभी प्रदेश में निर्यात के लिए कोई नीति नहीं है। अभी नियमावली के अनुसार ही कार्य चल रहा है। अब निर्यात को गति देने के लिए नीति बनाने की दिशा में काम हो रहा है।
इनका हो रहा सबसे अधिक निर्यात
फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में दवाओं व उपकरणों, इंजीनियरिंग क्षेत्र में आटोमोबाइल व कंप्यूटर उपकरण, प्लास्टिक से बने उत्पाद, कृषि व औद्योनिकी क्षेत्र में मंडुवा व उसके उत्पाद, शहद, जैविक उत्पाद, सगंध पुष्प व उसके उत्पाद और हस्तशिल्प व ताम्र शिल्प आधारित उत्पाद