कांग्रेस तीन दिन बाद आक्रामक चुनाव प्रचार शुरू करने जा रही है। सघन चुनाव प्रचार के माध्यम से कमजोर समझी जाने वाली सीटों पर दमदार प्रदर्शन की तैयारी है। पिछले विधानसभा चुनाव से सीख लेकर पार्टी ज्यादा सावधानी बरत रही है। सत्तारूढ़ दल भाजपा की तैयारी को ध्यान में रखकर प्रमुख प्रतिपक्षी पार्टी ने एक्शन प्लान तैयार किया है। महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पर इसे केंद्रित किया गया है।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 11 सीटों पर ही सिमट गई थी, जबकि भाजपा 57 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत हासिल करने में सफल रही थी। अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए कांग्रेस कमर कस चुकी है। बीते सितंबर माह में ही परिवर्तन यात्रा शुरू कर चुकी पार्टी अब बदली रणनीति के साथ विधानसभा क्षेत्रवार चुनाव कार्यक्रम तय कर रही है। इसमें भी सबसे पहले उन सीटों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा, जहां पार्टी स्वयं को अपेक्षाकृत कमजोर मान रही है।
ऐसे करीब 30 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार के लिए तूफानी दौरे होंगे। पार्टी के राज्य स्तरीय सभी दिग्गज इन क्षेत्रों में भेजे जाएंगे। सभी चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने के लिए ताकत झोंकेंगे। बूथ स्तर तक चुनाव प्रचार की रूपरेखा तैयार की जा रही है। ब्लाक और तहसील स्तरीय सभाओं में राज्य स्तरीय नेताओं के एक के बाद एक, कई कार्यक्रम होंगे। इनके माध्यम से बूथ स्तर पर प्रशिक्षित किए गए कार्यकत्र्ताओं को चुनावी युद्ध के लिए तैयार किया जाएगा। पार्टी अभी तक 66 विधानसभा क्षेत्रों में 17 हजार से ज्यादा बूथ स्तरीय कार्यकत्र्ताओं को प्रशिक्षित कर चुकी है। इनके माध्यम से ज्यादा से ज्यादा आम व्यक्तियों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।