कैप्टन अमरिंदर छोड़ सकते हैं पंजाब का सीएम पद, सुनील जाखड़ बने फ्रंटरनर

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चंडीगढ़. पंजाब में कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. खबर है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुख्यमंत्री की कुर्सी छिन सकती है. पंजाब में कांग्रेस के 50 से अधिक विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी  को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाया जाए. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस आलाकमान भी अब इस विवाद को और टालना नहीं चाहता. सूत्रों ने बताया कि आलाकमान ने पंजाब के पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया है कि राज्य में जारी रस्साकशी को खत्म करने में अब देर नहीं करनी है. विधायक दल की बैठक में जिसके पक्ष में बहुमत होगा, वही राज्य की कमान संभालेगा. कैप्टन के पास बहुमत नहीं होगा तो बदलने का फैसला तुरंत ले लिया जाएगा.

सूत्रों ने बताया कि आलाकमान की कोई पसंद या नापसंद नहीं है. अगर कैप्टन के पक्ष में बहुमत नहीं हुआ तो नया चेहरा भी बहुमत के आधार पर ही होगा. सूत्रों के मुताबिक, पंजाब में सीएम पद की रेस में सुनील जाखड़, सुखजिंदर रंधावा और प्रताप सिंह बाजवा का नाम सबसे आगे है.

इस बीच खबर यह भी है कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस में संकट बढ़ने के बाद अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी से फोन पर बात की और बार-बार हो रहे अपने ‘अपमान’ को लेकर नाराजगी जताई. सूत्रों के मुताबिक, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गांधी को फोन करके AICC के द्वारा उन्हें कॉन्फिडेंस में लिए बिना कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाए जाने पर ऐतराज दर्ज कराया और कहा कि अगर इसी तरह से पार्टी में उन्हें दरकिनार किया जाता रहा तो वो सीएम पद पर बने रहने के इच्छुक नहीं हैं. हालांकि सोनिया से अमरिंदर के बात करने के बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है.

सिद्धू और कैप्टन खेमे की तैयारी
सिद्धू खेमे की कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ नाराज गुट की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाने और केंद्रीय पर्यवेक्षकों को सीएम चेहरे को लेकर वोटिंग करवाने की मांग रखी जाने की तैयारी है. सूत्रों के मुताबिक इसी दौरान सिद्धू खेमे के समर्थक विधायक और मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का नाम बतौर अगले विधायक दल के नेता के तौर पर आगे बढ़ा सकते हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह खेमे की तैयारी है कि कुछ भी करके मीटिंग के दौरान कम से कम 60 विधायकों की वोटिंग कैप्टन के पक्ष में करवाई जाए.

सूत्रों का कहना है कि यह संकट ‘गंभीर’ है. क्योंकि बहुत सारे विधायकों ने विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री को बदलने की मांग की है. विधायकों ने अपने पत्र में सोनिया गांधी ने विधायक दल की बैठक बुलाने कर मांग की. पार्टी आलाकमान ने शनिवार शाम बैठक बुलाने का निर्देश दिया और वरिष्ठ नेताओं अजय माकन और हरीश चौधरी को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया.

कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत भी विधायक दल की बैठक में मौजूद रहेंगे. सूत्रों ने बताया कि विधायकों की मांग और आपात स्थिति में बैठक बुलाए जाने के मद्देनजर विधायक दल की इस बैठक में कुछ भी हो सकता है. अगर विधायक अपनी मांग पर अड़े रहते हैं तो फिर इसी बैठक में ही नेतृत्व परिवर्तन को लेकर फैसला हो सकता है.

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